Navratri path rule : नौ दिन तक चलने वाले नवरात्रि के त्योहार में हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. मां के नौ स्वरूपों का विशेष महत्व है इसलिए भक्त पूरे विधि-विधान के साथ उनकी सुबह शाम आरती और पूजा पाठ करते हैं. इतना ही नहीं, हर दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है. लेकिन मां दुर्गा की सप्तशती का पाठ करते समय कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, जिसके बारे में भी पता होना चाहिए.
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दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें
- मान्यता के अनुसार दुर्गा सप्तशती का पाठ चौकी पर रखकर लाल वस्त्र बिछाकर करना चाहिए. यह सही तरीका होता है पाठ करने का. यह पाठ करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
- पाठ शुरू करने से पहले और खत्म करने के बाद हर बार इसके नर्वाण मंत्र 'ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' का जाप जरूर करना चाहिए. इस मंत्र के जाप से ही पाठ पूरा माना जाता है.
- पाठ शुरू करने से पहले आप दुर्गा सप्तशती का नहाकर साफ वस्त्र धारण कर लीजिए. पूजा पाठ में साफ सफाई का खास ध्यान रखना पड़ता है. वहीं, पाठ करते समय हर एक शब्द का अच्छे से उच्चारण करना चाहिए.
- वहीं, दुर्गा सप्तशती का पाठ बहुत जोर-जोर से नहीं बल्कि धीरे मधुर आवाज में करना चाहिए. इसके अलावा पाठ की शूरूआत पुस्तक पर कुमकुम, चावल और फूल अर्पित करके करनी चाहिए.
- दुर्गा सप्तशती के 13 अध्यायों में मां दुर्गा के तीन चरित्रों के बारे में बताया गया है. आपको बता दें कि दुर्गा सप्तशती शक्ति का प्रतीक है. इसलिए इनका पाठ ध्यानपूर्वक करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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