प्रतीकात्मक चित्र
ग्रेटर नोएडा:
उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर के बिसरख धाम में 11 अगस्त को लंकापति रावण और श्रीराम के मूर्ति की स्थापना की जाएगी। मंदिर ट्रस्ट का दावा है यह अपने आप में ऐसा पहला मंदिर होगा जहां लंकापति रावण के साथ-साथ भगवान श्रीराम की मूर्ति की भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
पांच साल से हो रहा था मंदिर का निर्माण...
मोहन मंदिर योग आश्रम ट्रस्ट एवं महात्मा रावण मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष अशोकानंद जी महाराज ने बताया कि रावण मंदिर का निर्माण पिछले पांच वर्ष से किया जा रहा था। अब मंदिर के साथ मूर्तियां भी बन कर तैयार हैं।
रावण की पूजा-अर्चना के लिए रखे गए हैं चार पुजारी...
मूर्ति स्थापना गणेश मंदिर, राम परिवार मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, मां दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर, शनि मंदिर, मोहन बाबा मंदिर, रावण मंदिर आदि मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। सावन माह होने के कारण 11 अगस्त को पूरे विधि-विधान के साथ मूर्ति की स्थापना की जाएगी। ट्रस्ट की ओर से पूजा-अर्चना के लिए चार पुजारी रखे गए हैं।
रावण की जन्मस्थली है बिसरख...
मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष अशोकानंद महाराज ने बताया कि ऋषि विश्रवा की तपोस्थली और उनके पुत्र लंकापति रावण की जन्मस्थली बिसरख में सुबह 11 अगस्त को भारत में पहली बार महात्मा रावण की जन्म स्थली पर भव्य रावण मंदिर की स्थापना और मूर्ति स्थापना का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कार्यक्रम में पूरे देश से धार्मिक, सामाजिक व राजनैतिक लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी चक्रपाणि महाराज होंगे।
पांच साल से हो रहा था मंदिर का निर्माण...
मोहन मंदिर योग आश्रम ट्रस्ट एवं महात्मा रावण मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष अशोकानंद जी महाराज ने बताया कि रावण मंदिर का निर्माण पिछले पांच वर्ष से किया जा रहा था। अब मंदिर के साथ मूर्तियां भी बन कर तैयार हैं।
रावण की पूजा-अर्चना के लिए रखे गए हैं चार पुजारी...
मूर्ति स्थापना गणेश मंदिर, राम परिवार मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, मां दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर, शनि मंदिर, मोहन बाबा मंदिर, रावण मंदिर आदि मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। सावन माह होने के कारण 11 अगस्त को पूरे विधि-विधान के साथ मूर्ति की स्थापना की जाएगी। ट्रस्ट की ओर से पूजा-अर्चना के लिए चार पुजारी रखे गए हैं।
रावण की जन्मस्थली है बिसरख...
मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष अशोकानंद महाराज ने बताया कि ऋषि विश्रवा की तपोस्थली और उनके पुत्र लंकापति रावण की जन्मस्थली बिसरख में सुबह 11 अगस्त को भारत में पहली बार महात्मा रावण की जन्म स्थली पर भव्य रावण मंदिर की स्थापना और मूर्ति स्थापना का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कार्यक्रम में पूरे देश से धार्मिक, सामाजिक व राजनैतिक लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी चक्रपाणि महाराज होंगे।
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