Rang Panchami: चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू हुआ होली का यह त्योहार कृष्ण पक्ष की पंचमी तक मनाया जाता है. पचंमी तिथि के पड़ने के कारण इसे रंगपंचमी (Rangpanchami) कहा जाता है. इस साल 17 मार्च को होलिका दहन होगा. इसके अगले दिन 18 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी. वहीं, होली के पांचवें दिन चैत्र कृष्ण पंचमी को बड़े ही धूम-धाम से रंगपंचमी का पर्व मनाया जाएगा.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, रंगपंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने राधा रानी (Radha Rani) के साथ होली खेली थी. इस दिन विधि-विधान राधेकृष्ण के पूजन के समय उन्हें अबीर गुलाल अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि रंगपंचमी के दिन पवित्र मन से पूजा-पाठ के द्वारा कुंडली के बड़े से बड़े दोष को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं. आइए जानते हैं होली के पांचवे दिन क्यों मनाते हैं रंगपंचमी.
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रंगपंचमी का महत्व
मान्यता है कि रंगपंचमी के दिन रंग-गुलाल उड़ाने से सात्विक गुणों में अभिवृद्धि होती. इसके अलावा नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. रंगपंचमी के दिन कई जगह लोग शरीर में रंग ना लगाकर हवा में उड़ाते हैं.
कब है रंग पंचमी
रंगपंचमी का ये पर्व चैत्र मास की कृष्णपक्ष की पंचमी तिथि को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. साल 2022 में रंगपंचमी 22 मार्च को मनाई जाएगी.
कैसे मनाते हैं रंगपंचमी
रंग पंचमी ज्यादातर लोग समूह में खेलना पसंद करते हैं. रंगपंचमी अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीके से खेली जाती है. चौक-चौराहों पर उड़ते रंगों से इस पर्व का उमंग देखते ही बनता है. मान्यता है कि गुलाल-रंग से होली खेलने और उड़ाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. रंगपंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को रंग अर्पित किया जाता है. वहीं कई राज्यों में जूलूस निकालकर लोग अपनी खुशी जाहिर करते हैं. इस जूलूस में हुरियारे जमकर अबीर-गुलाल उड़ाते हुए इस पर्व को मनाते हैं.
इस दिन बनती है पुरन पोली
रंग पंचमी का त्योहार विशेष रूप से मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में मनाया जाता है. इस दिन पुरन पोली बनाई जाती है. वैसे तो महाराष्ट्र में पुरन पोली ज्यादा बनाई जाती है. इसके अलावा राजस्थान में भी रंग पंचमी का अलग उत्साह देखने को मिलता है.
विवाह होते हैं तय
खासतौर पर महाराष्ट्र में रंग पंचमी मनाने का तरीका सबसे अलग है. यहां इस दिन मछुआरों की बस्ती में खास आयोजन होते है, जिसमें नाच-गाने से लेकर खाने-पीने तक हर चीज होती है. विवाह के लिए यह दिन काफी शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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