जामा मस्जिद (Jama Masjid) और फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमामों (Shahi Imam) ने रमजान (Ramzan) के पवित्र महीने के दौरान मुसलमानों से घरों में ही नमाज अदा करने की अपील की है. साथ ही कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का भी सख्ती से पालन करने की अपील की है. रमजान का महीना शनिवार से शुरू होने की उम्मीद है.
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक वीडियो संदेश में लोगों से कहा कि अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और रमजान के दौरान घरों में रहकर ही इबादत करें.
बुखारी ने कहा, ''दो दिन बाद रमजान मुबारक की शुरुआत हो रही है. नमाज और तरावीह घरों में ही अदा की जानी चाहिए. इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि एक साथ तीन या चार से अधिक लोग तरावीह नहीं पढ़ें क्योंकि महामारी के मद्देनजर अधिक संख्या में एकत्र होना समाज और परिवारों के लिए नुकसानदायक हो सकता है.''
फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि जो लोग पृथक-वास में हैं और रोजा रखने की हालत में नहीं हैं तो वह ''कजा'' के जरिए बाद में रोजे रख सकते हैं.
अहमद ने कहा, ''कोरोनावायरस के मद्देनजर लॉकडाउन लागू है और लोग घरों में रहने को मजूबर हैं. लेकिन रमजान के दौरान अधिकारियों को मुस्लिम इलाकों में दुकानों और ठेली वालों को अनुमति देनी चाहिए ताकि रोजेदार इफ्तारी और सहरी के लिए भोजन खरीद सकें.''
उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि मुस्लिम बहुल इलाकों में जरूरी इतंजाम किए जाएं ताकि लोग तड़के और शाम के समय जरूरत का सामान खरीद सकें.
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