
Ramayan path niyam : 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है. यह त्योहार 9 दिन का होता है. पूरे नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों (शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री) की पूजा की जाती है. इस दौरान व्रती लोग फलाहार का सेवन करते हैं, जबकि जो उपवास नहीं रखते हैं वो तामसिक भोजन का पालन करते हैं. चैत्र नवरात्रि के दौरान सुबह-शाम मां दुर्गा की आरती और विधि-विधान के साथ पूजा पाठ की जाती है. इसके साथ ही नवरात्रि में रामायण का पाठ भी किया जाता है. मान्यता है नवरात्रि में रामायण पढ़ने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्रि के दौरान रामायण पाठ करने का सही नियम क्या है...
रामायण पाठ करने का सही नियम क्या है - What is the correct rule of reading Ramayan
- नवरात्रि के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
- फिर व्रत का संकल्प लीजिए.
- इसके बाद रामायण की पुस्तक को तिलक करके अक्षत करिए.
- आपको बता दें कि नौ दिन रामाय़ण का पाठ दिन के अनुसार करिए.
आइए जानते हैं किस दिन कौन सा पाठ करें ...
- पहले दिन आप 1 से 116 तक पाठ करिए
- दूसरे दिन 116 से 218 तक पाठ करिए
- तीसरे दिन 218 से 322 तक पाठ करिए
- चौथा दिन 322 से 424 तक पाठ करिए
- पांचवा दिन 424 से 524 तक पाठ करिए
- छठा दिन 524 से 644 तक पाठ करिए
- सातवां दिन 644 से 766 तक पाठ करिए
- आठवां दिन 766 से 902 तक पाठ करिए
- नौवां दिन 902 से 1031 तक का पाठ करें.
- चैत्र नवरात्रि में रामायण पढ़ने के इस नियम का पालन करने से पूरे नौ दिन में रामायण पूरी हो जाएगी.
- आपको बता दें कि नवरात्रि के आखिरी दिन रामायण पाठ का समापन आरती के साथ करिए.
- नवरात्रि में रामायण का पाठ करने से घर में सुख-शांति आती है, और भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही किसी तरह की परेशानी नहीं आती है. इससे शत्रु का नाश होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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