
Rama Ekadashi 2025 Vrat Rules And Remedeis: हिंदू धर्म में महीने में दो बार और साल भर में 24 बार पड़ने वाले एकादशी व्रत का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस व्रत को विधि-विधान से करने पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त पर पूरी कृपा बरसाते हैं, लेकिन यह व्रत तब और भी ज्यादा पुण्यदायी हो जाता है, जब यह कार्तिक मास के कृष्णपक्ष में पड़ता है रमा एकादशी का व्रत कहलाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु संग उनकी पत्नी रमा यानि लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए व्रत करने वाले व्यक्ति को कुछेक नियमों का विशेष रूप से पालन करना पड़ता है. आइए जानते हैं रमा एकादशी व्रत में क्या करें और क्या न करें.
रमा एकादशी पर भूलकर न करें ये 7 काम
- रमा एकादशी व्रत वाले दिन व्यक्ति को चावल का सेवन भूलकर नहीं करना चाहिए.
- एकादशी व्रत करने वाले साधक को पूरी तरह से सात्विक रहते हुए तामसिक चीजें जैसे मांस-मंदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.
- रमा एकदशी व्रत में मसूर की दाल, चने का शाक, कोंदो का शाक, नमक आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.
- एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को दूसरे का दिया हुआ अन्न नहीं खाना चाहिए.
- रमा एकादशी व्रत में दिन में सिर्फ एक बार भोजन का विधान है, ऐसे में भूलकर भी दो बार भोजन न करें.
- रमा एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- रमा एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को क्रोध, चुगली और ईष्या नहीं करनी चाहिए और न ही इस दिन झूठ बोलना चाहिए.
रमा एकादशी व्रत में क्या करें
- रमा एकादशी का व्रत सभी पापों को दूर करे पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है. ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
- रमा एकादशी व्रत वाले दिन भगवान विष्णु की पूजा में माता लक्ष्मी के मंत्रों का जप करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं.
- रमा एकादशी व्रत वाले दिन सुख-सौभाग्य की कामना को पूरा करने के लिए भगवान विष्णु के मंत्र या फिर श्री विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें.
- रमा एकादशी व्रत वाले दिन भगवान विष्णु की पूजा में पीले रंग की मिठाई और फल के साथ तुलसी दल का भोग अवश्य लगाएं.
- रमा एकादशी व्रत बगैर पारण के अधूरा माना जाता है,इसलिए अगले दिन शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पारण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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