
Rama & shyama tulsi ka mahatava : हिन्दू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व होता है. माना जाता है जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां पर सुख-समृद्धि का वास होता है. इससे देवी लक्ष्मी का घर में वास होता है. घर में सकारात्मकता बनी रहती है. लेकिन क्या आपको पता है तुलसी भी दो तरह की होती है, एक रामा और दूसरी श्यामा. इन दोनों तुलसियों का घर में लगाना शुभ होता है. इन दोनों में अंतर क्या होता है, आइए जानते हैं इस लेख में..
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रामा और श्यामा तुलसी में क्या होता है अंतर - What is the difference between Rama and Shyam Tulsi
रामा होती है हरी श्यामा बैंगनी
रामा तुलसी के पत्ते हरे रंग के होते हैं, जबकि श्यामा तुलसी के पत्ते हरे या गहरे बैंगनी रंग के होते हैं.
रामा मीठी श्यामा कड़वी
वहीं, रामा तुलसी स्वाद में मीठी होती है जबकि श्यामा तुलसी का स्वाद कड़वा होता है.
रामा की गंध तीखी श्यामा की मीठी
रामा तुलसी की सुगंध तीखी होती है, जबकि श्याम की सुगंध मीठी होती है.
रामा राम को श्यामा भगवान कृष्ण को हैं प्रिय
आपको बता दें कि रामा तुलसी राम को प्रिय हैं, जबकि श्यामा भगवान कृष्ण को. ऐसे में इसमें से आप कोई भी तुलसी लगाइए आपके लिए शुभ फलदायी होगा. यह दोनों ही नकारात्मक ऊर्जा दूर करती हैं.
किस दिन लगाएं तुलसी
आपको बता दें कि रविवार,सोमवार, बुधवार और ग्रहण के दिन तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए.
किस दिशा में लगाएं पौधा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रामा तुलसी को पूर्व या फिर उत्तर दिशा में लगाना चाहिए. पूर्व में देवताओं का वास होता है जबकि उत्तर में कुबेर जी का. तुलसी लगाते समय दिशा और दिन का खास ख्याल रखना चाहिए, तभी देवी तुलसी का आप पर आशीर्वाद बना रहेगा. आपको बता दें कि दोनों ही तुलसी औषधिय गुणों से भरपूर होती हैं. आप सर्दी खांसी और बुखार में इसका काढ़ा पी सकते हैं. आपके लिए बहुत लाभकारी होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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