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राम दरबार की प्रतिमा तराशने वाले रोज 2 घंटे क्यों करते थे प्रभु राम की परिक्रमा, क्या है इसके पीछे का रहस्य

राम दरबार में प्रभु श्रीराम के साथ माता सीता, भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल हैं. इन मूर्तियों का निर्माण जयपुर के मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने किया है.  

राम दरबार की प्रतिमा तराशने वाले रोज 2 घंटे क्यों करते थे प्रभु राम की परिक्रमा, क्या है इसके पीछे का रहस्य
5 जून को प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद आमजन 6 जून से प्रथम तल पर राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे.

Ram darbar kisne banaya : अयोध्या के राम मंदिर में रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब राम दरबार लगने वाला है जिसकी तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं. जी हां, अब प्रभु श्री राम अपने पूरे परिवार के साथ यहां पर विराजमान होंगे. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम दरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून गंगा दशहरा के दिन करना तय की है. हालांकि प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 2 जून से शुरू हो जाएगा. राम भक्त अयोध्या के राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे.

जून की इस तारीख को अयोध्या में 'राम दरबार' की होगी प्राण प्रतिष्ठा, द्वापर युग जैसे बन रहे हैं संयोग

मूर्तिकार क्यों करते थे प्रभु राम की परिक्रमा

राम दरबार में प्रभु श्रीराम के साथ माता सीता, भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल हैं. इन मूर्तियों का निर्माण जयपुर के मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने किया है.  

इस मूर्ति को बनाने से पहले मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय 2 घंटे प्रभु राम की परिक्रमा और हनुमान चालीसा का पाठ करते थे. ऐसा करने के पीछे उद्देश्य था कि उनके मन में राम-राम रम जाए. मूर्तिकार के अनुसार जब तक मन निर्मल न हो पत्थर में प्राण नहीं फूंके जा सकते हैं. मूर्तिकार सत्यनारायण हर दिन दो घंटे की पूजा के बाद 10 घंटे मूर्तियों को तराशने में लगाते थे. राम दरबार की मूर्तियां तैयार करने में 8 महीना का समय लगा.

खास पत्थर से तराशी गई है राम और सीता की मूर्ति

आपको बता दें कि राम दरबार लगभग 4 से 5 फीट का तैयार किया गया है. राम दरबार में प्रभु श्रीराम और माता सीता की मूर्ति को खास तरह के पत्थर से तराशा गया है जबकि अन्य मूर्तियों का निर्माण अलग पत्थर से किया गया है. 

5 जून को प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद आमजन 6 जून से प्रथम तल पर राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे. 5 जून गंगा दशहरा के दिन प्राण प्रतिष्ठा में 120 आचार्य शामिल होंगे. 

राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्ति के साथ ही ऋषियों, वानर सेनापतियों और दरबार के गणमान्य पात्रों की कुल 18 मूर्तियां भी तैयार की गई हैं. साथ ही राम जन्मभूमि परिसर में बन रहे शेषावतार मंदिर की मूर्तियां भी अयोध्या पहुंच चुकी हैं. जिसकी प्राण प्रतिष्ठा भी 5 जून को होगी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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