
Laddu Gopal WhileTravelling: बहुत से श्रीकृष्ण भक्त प्रभु के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं. भगवान के इस स्वरूप की भक्त पूजा अर्चना करने के साथ साथ बच्चों की तरह देखभाल भी करते हैं. लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना और सेवा के कई नियम बताए गए हैं. भक्त प्रति दिन लड्डू गोपाल का बच्चों की तरह सुबह उठाते हैं और स्नान करवाने के बाद नियम से भोग (Laddu Gopal Ki Seva Kaise Kare ) लगाते हैं. कई बार लोगों को घर से बाहर जाना पड़ता है ऐसे में उनके मन में सवाल उठता है कि लड्डू गोपाल को अपने साथ ले जाएं या नहीं (Laddu Gopal Ko Yatra Mein Kaise Lekr Jaaye). आइए जानते हैं बाहर जाते समय लड्डू गोपाल को अपने साथ ले जाने के क्या नियम है और किन स्थितियों में उन्हें अपने साथ नहीं ले जाना चाहिए (Laddu Gopal Ki Seva Ke Niyam).
लड्डू गोपाल का अपने साथ बाहर ले जाने के नियम (Rules for taking Laddu Gopal out with you)
लड्डू गोपाल को प्रभु का बाल स्वरूप माना जाता है. ऐसे में भक्त उन्हें घर पर अकेला नहीं छोड़ना चाहते हैं. यह उनकी भक्ति भाव के प्रतीक की तरह होता है. माता-पिता जिस तरह बच्चे को अपने साथ ले जाते हैं उसी तरह लड्डू गोपाल को भी साथ ले जाना भावनात्मक रूप से सही है. हालांकि लड्डू गोपाल को अपने साथ बाहर ले जाते समय उनके लिए साफ वस्त्र, आसन, भोजन (भोग), जल आदि की उचित व्यवस्था करना जरूरी है. खासकर किसी तीर्थ स्थान, मंदिर या धार्मिक आयोजन में जाते समय लड्डू गोपाल को साथ ले जाना बहुत शुभ माना जाता है. अगर आप लड्डू गोपाल को अपने साथ बाहर लेकर जा रहे हैं तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें.

कब अपने साथ लड्डू गोपाल को लेकर नहीं जाना चाहिए (When should you not take Laddu Gopal with you?)
कुछ परिस्थितियों में लड्डू गोपाल को साथ ले जाना उचित नहीं होता है, और शास्त्रों में इसके बारे में बताया गया है. पुराणों में कहा गया है कि ऐसे स्थानों पर जहां शुद्धता, शांति और मर्यादा का पालन करना संभव नहीं होता है जैसे भीड़भाड़ वाले बाजार, बार, सिनेमाघर, वहां लड्डू गोपाल को अपने साथ नहीं ले जाना ही बेहतर होता है. ऐसे स्थानों पर भूलकर भी अपने साथ लड्डू गोपाल को लेकर नहीं जाना चाहिए.
यात्रा पर लड्डू गोपाल को साथ लेकर जाने के नियम (Can we take Laddu Gopal along on a trip?)
शास्त्रों में कहा गया है कि अगर यात्रा के दौरान लड्डू गोपाल को ठीक से संभालना कठिन हो, समय पर उनके स्नान, भोग, सेवा आदि करने में परेशानी हो, तो लड्डू गपाल को घर के मंदिर में ही विराजमान रहने देना चाहिए. इस समय आप मन से उनकी सेवा कर सकते हैं. शास्त्रों में मानसिक पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. हालांकि मन से पूजा करना आसान नहीं है इसलिए लोग मूर्ति पूजा करते हैं. अगर आप अपने साथ लड्डू गोपाल को नहीं लेकर जा पा रहे हैं तो आप जहां भी रहे उनका मानसिक रूप से ध्यान करते हुए उनकी सेवा करें.
प्रेमानंद जी ने गोपाल को लेकर क्या बताया है (What has Premanand ji said about Gopal)
वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि भक्तों को भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की देखभाल बच्चे की तरह करनी चाहिए. लेकिन, इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वह भगवान हैं और मनमाने तरीके से उनकी पूजा नहीं कर सकते हैं. मनमाने ढंग से उनकी सेवा करना उचित नहीं है. शास्त्रों में बताए गए नियमों के खिलाफ आचरण करने वालों से प्रभु कभी प्रसन्न नहीं होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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