Prasad Bhog: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है. भक्त छोटे से बड़े कामों को पूरी श्रद्धा के साथ करने का प्रयास करते हैं. किस रंग के कपड़ों को मंदिर में बिछाना है, किस सामग्री को पूजा (Pooja) में रखना है, आराध्य की मूर्ति या प्रतिमा किस तरह की है, किस धातू से आरती की थाली या जल का लौटा तैयार किया है आदि पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. इसी तरह भगवान की पूजा के बाद जब उन्हें प्रसाद या भोग (Bhog) चढ़ाया जाता है तो कुछ बातों को ध्यान में रखने की खास सलाह दी जाती है. माना जाता है कि भोग पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसका पालन पूरी निष्ठा और नियमानुसार करना चाहिए. यहां जानिए कौनसे हैं प्रसाद और भोग से जुड़े ये नियम.
Shattila Ekadashi 2023: जल्द आने वाली है षटतिला एकादशी, जानिए व्रत की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रसाद और भोग के नियम | Prasad And Bhog Niyam
भोग लगाने का पात्र जब भोग लगाया जा रहा हो तो जिस पात्र में प्रसाद रखा जा रहा है और जिससे भोग लगाया जा रहा है वह भी महत्वपूर्ण है. भोग लगाने के प्रसाद को भगवान के समक्ष जमीन पर नहीं रखना चाहिए. भोग के लिए पीतल, चांदी, मिट्टी या सोने के पात्र का इस्तेमाल करना चाहिए. सनातन धर्म में इन धातुओं को स्वच्छ व पवित्र माना जाता है.
कैसा हो भोग
भगवान को चढ़ाए जाने वाला प्रसाद या भोग कैसा होना चाहिए यह जानना बेहद आवश्यक है. भोग को कभी भी मिर्च, नमक या मसालेवाला नहीं बनाना चाहिए. लहसुन और प्याज का इस्तेमाल इसमें ना हो इस बात का भी ध्यान रखें. फल, मिष्ठान (Sweets) और सात्विक चीजों का ही भोग में इस्तेमाल किया जाता है.
जब भगवान को प्रसाद चढ़ा दिया जाता है तो बचे हुए प्रसाद को भगवान के समक्ष नहीं रखना चाहिए. माना जाता है कि इससे भगवान (God) रुष्ट हो सकते हैं. पूजा संपन्न होने और भोग लगा देने के बाद प्रसाद को हटाकर कहीं और रखना चाहिए. प्रसाद भगवान के पास पड़े रहने को नकारात्मकता से जोड़कर देखा जाता है.
जैसाकि जाहिर है भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद उनके सामने से उठा लेना चाहिए. इस प्रसाद को अब पूरे परिवार व पूजा में शामिल लोगों या आस-पास के लोगों में बांटना चाहिए. प्रसाद व्यर्थ ना हो इसका खास ध्यान रखें. मान्यता है कि प्रसाद को सभी में बांटने पर भगवान भी प्रसन्न होते हैं.
जिस तरह व्यक्ति कुछ खाने के बाद जल का सेवन करता है ठीक उसी तरह भगवान के समक्ष भी प्रसाद के साथ-साथ जल रखना चाहिए. भोग लगाने के बाद प्रसाद हटाकर जल को किसी बर्तन में डालकर रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं