
Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत पर बन रहा है मासिक शिवरात्रि का संयोग
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है. इस साल आपको माघ मास (Magh Month) में एक ही दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के दो व्रतों का पुण्य लाभ प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का संयोग बेहद शुभ और खास होता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, यह व्रत भगवान शिव (Lord Shiva) की कृपा पाने के लिए किया जाता है. प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय में करते हैं और शिवरात्रि की पूजा रात्रि प्रहर में. इस दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन में सुख, सौभाग्य, आरोग्य, धन आदि प्राप्त होता है. आइए जानते हैं प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त (Subh Muhurat).
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हर माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत और चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि पड़ती है. प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) पर भगवान शिव शंकर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. यह व्रत महीने में दो बार पड़ता है. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक शिव की उपासना करने से हर मनोकामना पूरी होती है. इस साल (2022) माघ माह (Magh Month) का प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन है. आप इस दिन व्रत रखकर इन दोनों व्रतों का लाभ पा सकते हैं.

प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि की तिथियां | Pradosh Vrat And Masik Shivratr Tithi
- माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ- 29 जनवरी को रात 08:37 बजे से हो रहा है.
- माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समापन- 30 जनवरी को शाम 05:28 बजे हो रहा है.
- प्रदोष व्रत- 30 जनवरी दिन रविवार को है.
- माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ- 30 जनवरी को शाम 05:28 बजे से,
- माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का समापन- 31 जनवरी को दोपहर 02:18 बजे तक.
- शिवरात्रि की पूजा का मुहूर्त रात्रि प्रहर का होता है, ऐसे में माघ की मासिक शिवरात्रि भी 30 जनवरी को है.

प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त | Pradosh Vrat And Masik Shivratr Shubh Muhurat
- प्रदोष व्रत 2022 पूजा का मुहूर्त- 30 जनवरी, शाम 05:59 बजे से रात 08:37 बजे तक.
- मासिक शिवरात्रि 2022 पूजा का मुहूर्त- 30 जनवरी, रात 11:38 बजे से देर रात 12:52 बजे तक.

भगवान शिव की पूजा विधि | Lord Shiva Puja Vidhi
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें.
- स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें.
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
- अगर संभव है तो व्रत करें.
- इस दिन भोलेनाथ और भगवान गणेश की पूजा भी करें. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
- प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि की पूजा के समय भगवान शंकर के साथ-साथ देवी पार्वती की भी पूजा करें.
- संभव हो तो गाय के कच्चे दूध से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कराएं.
- भगवान शिव शंकर का अभिषेक करते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
- पंचामृत से अभिषेक करने के बाद शिव जी को चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल जरूर चढ़ाने चाहिए.

- बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार का फूल, सफेद चंदन, शमी का पत्ता, सफेद फूल, शहद, गाय का दूध, गंगाजल, शक्कर, धूप, दीप, गंध आदि से भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें.
- पूजा के समय भोलेनाथ को हल्दी, कुमकुम, तुलसी दल, नारियल, लाल फूल चढ़ाने से बचें.
- भगवान शिव को भोग लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है.
- पूजा के अंत में प्रदोष व्रत की कथा और भगवान शिव की आरती जरूर करें.
- इस दिन भगवान शिव का ध्यान जरूर करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)