Shradh 2018: पितृ पक्ष के दौरान एक भी गलती पितरों को कर सकती है नाराज़, गांठ बांध ले श्राद्ध के 7 नियम
नई दिल्ली:
श्राद्ध (Shradh) शुरू हो गए हैं. इस दौरान घर के बड़े सदस्य अपने पितरों के श्राद्ध मनाकर उनकी आत्मा को शांति देंगे. पितृ पक्ष (Pitru Paksha Shradh) के पूरे 16 दिनों के दौरान श्राद्ध की इन तिथियों के मुताबिक श्राद्ध देंगे. तिथियों की तरह ही श्राद्ध मनाने का सही समय और विधि होती है. इसी के साथ पितरों को श्राद्ध देने के कुछ खास नियम भी होते हैं. हिंदु मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध मनाने का अर्थ है साल में एक बाद अपने पितरों को याद कर उन्हें भरपेट भोजन कराना और उनकी आत्माओं को खुश करना. इस प्रक्रिया में की गई छोटी-सी गलती भी पितरों को नाराज़ कर सकती है. आपसे श्राद्ध के दौरान कोई भी चूक ना हो जाए इसीलिए यहां 7 नियम दिए जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप सही तरीके से श्राद्ध मना सकते हैं.
Pitru Paksha 2018: पितृ पक्ष शुरू, जानिए घर के किस सदस्य का श्राद्ध किस दिन करना चाहिए
श्राद्ध के 7 नियम (7 Rules of Shradh)
1. पितृ पक्ष के दौरान हर दिन तर्पण करना चाहिए. तर्पण पानी, दूध, जौ, चावल और गंगाजल मिलाकर बनाया गया जाए तो और भी बेहतर.
2. तर्पण के साथ-साथ पिंड दान भी करें. श्राद्ध कर्म में पके हुए चावल, दूध और तिल को मिलकर पिंड बनाएं. बता दें, हिंदु मान्यता में पिंड को शरीर का प्रतीक माना जाता है.
3. श्राद्ध के दौरान कोई भी शुभ कार्य, विशेष पूजा-पाठ और अनुष्ठान नहीं करना चाहिए. वहीं, देवताओं की नित्य पूजा को बंद नहीं करना चाहिए.
Pitru Paksha 2018: पितृ पक्ष शुरू, जानिए श्राद्ध की तिथियां, पूजा विधि, नियम, कथा और महत्व
4. मान्यता है कि श्राद्ध के दौरान पान खाने, तेल लगाने और संभोग की भी मनाही है.
5. खुशियों में इस्तेमाल होने वाले रंगीन फूलों के इस्तेमाल को भी श्राद्ध में वर्जित माना गया है.
6. पितृ पक्ष में चना, मसूर, बैंगन, हींग, शलजम, मांस, लहसुन, प्याज और काला नमक भी नहीं खाया जाता है.
7. इस दौरान कई लोग नए वस्त्र, नया भवन, गहने या अन्य कीमती सामान नहीं खरीदते हैं.
Pitru Paksha shradh 2018: श्राद्ध के दिन क्या करें और क्या नहीं, जानिए यहां
Pitru Paksha 2018: पितृ पक्ष शुरू, जानिए घर के किस सदस्य का श्राद्ध किस दिन करना चाहिए
श्राद्ध के 7 नियम (7 Rules of Shradh)
1. पितृ पक्ष के दौरान हर दिन तर्पण करना चाहिए. तर्पण पानी, दूध, जौ, चावल और गंगाजल मिलाकर बनाया गया जाए तो और भी बेहतर.
2. तर्पण के साथ-साथ पिंड दान भी करें. श्राद्ध कर्म में पके हुए चावल, दूध और तिल को मिलकर पिंड बनाएं. बता दें, हिंदु मान्यता में पिंड को शरीर का प्रतीक माना जाता है.
3. श्राद्ध के दौरान कोई भी शुभ कार्य, विशेष पूजा-पाठ और अनुष्ठान नहीं करना चाहिए. वहीं, देवताओं की नित्य पूजा को बंद नहीं करना चाहिए.
Pitru Paksha 2018: पितृ पक्ष शुरू, जानिए श्राद्ध की तिथियां, पूजा विधि, नियम, कथा और महत्व
4. मान्यता है कि श्राद्ध के दौरान पान खाने, तेल लगाने और संभोग की भी मनाही है.
5. खुशियों में इस्तेमाल होने वाले रंगीन फूलों के इस्तेमाल को भी श्राद्ध में वर्जित माना गया है.
6. पितृ पक्ष में चना, मसूर, बैंगन, हींग, शलजम, मांस, लहसुन, प्याज और काला नमक भी नहीं खाया जाता है.
7. इस दौरान कई लोग नए वस्त्र, नया भवन, गहने या अन्य कीमती सामान नहीं खरीदते हैं.
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