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This Article is From Aug 26, 2022

Pitra Dosh: पितृ दोष पीढ़ियों पुराना है या हाल का, निवारण के लिए पितृ पक्ष में कर सकते हैं ये कार्य

Pitra Dosh Remedy: पितृ दोष होने की स्थिति में व्यक्ति को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पीढ़ियों पुराने पितृ दोष के निवारण के लिए पितृ पक्ष में यह कार्य कर सकते हैं.

Pitra Dosh: पितृ दोष पीढ़ियों पुराना है या हाल का, निवारण के लिए पितृ पक्ष में कर सकते हैं ये कार्य
Pitra Dosh Remedy: पितृ दोष निवारण के लिए पितृ पक्ष का अवसर खास होता है.

Pitra Dosh Nivaran: वैदिक ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में सूर्य देव को 9 ग्रहों में राजा कहा जाता है. कुंडली में सूर्य (Surya) की स्थिति से पैतृक संबंध का पता चलता है. शनि देव (Shani) सूर्य के पुत्र हैं, जो सूर्य के विपरीत स्वभाव रखते हैं. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के अनुसार, राहु दादा कारक होता है जबकि केतु को नाना का कारक माना जाता है. पूर्वजों की नाराजगी के कारण पितृ दोष (Pitra Dosh) का सामना करना पड़ता है. पितृ पक्ष (pitru paksha 2022) में पितृ दोष के निवारण (Pitra Dosh Nivaran) के लिए कुछ खास कार्य किए जाते हैं. आइए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जानते हैं कि पितर पक्ष में पितृ दोष निवारण (Pitra Dosh Remedy) के लिए क्या करना अच्छा होता है. 

कुंडली की ये स्थिति दर्शाती है पितृ दोष 

ज्योतिषीय गणना के मुताबिक जब कुंडली में सूर्य का संबंध राहु और शनि से होता है तो ऐसे में पितृ दोष उत्पन्न होता है. इसके अलावा अगर सूर्य देव के साथ कुंडली के 9वें भाव में हों तो इस स्थिति में भी पितृ दोष उत्पन्न होता है. सूर्य को शनि के संबंध से यह पता चलता है कि पितृ दोष हाल की पीढ़ियों का है. इसके बारे में ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि अगर प्रायश्चित किया जाए तो पितर प्रसन्न हो सकते हैं.

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सूर्य और राहु का संबंध बताता है पितृ दोष पीढ़ियों पुराना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर सूर्य राहु के साथ हो और मामला कई पीढ़ियों का है तो ऐसे में पितृ दोष बढ़ता ही जाता है. जिन लोगों की कुंडली में राहु और सूर्य एक साथ हैं उन्हें बिना देर किए पितृ दोष का उपाय कर लेना चाहिए. 

पितृ दोष दूर करने के लिए क्या करें | Pitra Dosh ke Upay

पितृ दोष की शांति के लिए मंदिर में जाकर हर रोज पीपल पेड़ पर दूध और जल मिलाकर जल अर्पित करें. ऐसा पितृ पक्ष के दौरान करना अत्यंत लाभकारी होगा. इसके साथ ही शाम के समय पीपल पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं. जिससे पीढ़ियों के पुराना पितृ दोष भी शांत हो जाता है. जिससे घर-परिवार में खुशहाली लौट आती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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