पलानी मंदिर (फोटो साभार: palani.org)
मदुरै:
मद्रास उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है कि पलानी स्थिति भगवान मुरूगन के मंदिर के निकट बीफ और दूसरे मांसाहारी पकवान परोसने वाले भोजनालयों को हटाया जाए।
एक हिंदू संगठन की ओर से दायर इस याचिका को न्यायमूर्ति एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति सीटी सेलवम की पीठ ने कल के लिए सूचीबद्ध कर दिया। संगठन के प्रमुख के. गोपीनाथ ने आरोप लगाया कि कुछ दूसरे धर्मों के लोग ये भोजनालय चला रहे हैं और इससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भवना का अपमान होता है।
चेर राजा चेरामन पेरूमल ने बनवाया था यह मंदिर
पलानी मुरूगन मंदिर पहाड़ी की एक चोटी पर बना है, जहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 600 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। हालांकि यहां रोप वे द्वारा भी पहुंचा जा सकता है।
इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत के एक प्रमुख चेर राजवंश के राजा चेरामन पेरूमल ने करवाया था, जिसे पांड्य और चोल राजाओं ने 8वीं से 13वीं शताब्दी में पुनरूद्धार और विस्तार किया।
एक हिंदू संगठन की ओर से दायर इस याचिका को न्यायमूर्ति एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति सीटी सेलवम की पीठ ने कल के लिए सूचीबद्ध कर दिया। संगठन के प्रमुख के. गोपीनाथ ने आरोप लगाया कि कुछ दूसरे धर्मों के लोग ये भोजनालय चला रहे हैं और इससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भवना का अपमान होता है।
चेर राजा चेरामन पेरूमल ने बनवाया था यह मंदिर
पलानी मुरूगन मंदिर पहाड़ी की एक चोटी पर बना है, जहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 600 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। हालांकि यहां रोप वे द्वारा भी पहुंचा जा सकता है।
इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत के एक प्रमुख चेर राजवंश के राजा चेरामन पेरूमल ने करवाया था, जिसे पांड्य और चोल राजाओं ने 8वीं से 13वीं शताब्दी में पुनरूद्धार और विस्तार किया।
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