Lord Ganesha: विघ्नहर्ता गणेश भगवान की संकष्टी चतुर्थी पर की जाती है पूजा.
Sankashti Chaturthi 2022: आज संकाष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. गणेश भगवान (Lord Ganesha) को कष्ट हरने वाले अर्थात विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश भक्तों के दुख हर लिया करते हैं और उनपर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं. आज 19 अप्रैल के दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही जिसका शुभ मुहूर्त शाम 4 बजकर 38 मिनट से कल 20 अप्रैल दोपहर 01 बजकर 52 मिनट तक माना जा रहा है. मान्यतानुसार इस दिन भगवान गणेश की आराधना में कुछ बातों को ध्यान में रखा जाता है.
संकष्टी चतुर्थी पर गणेश पूजा | Ganesh Puja on Sankashti Chaturthi
- भगवान गणेश की विशेष कृपा पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी पर सुबह-सवेरे स्नान करके गणेश भगवान की प्रतिमा पर लाल तिलक लगाने की मान्यता है. इसके पश्चात गणेश मंत्र (Ganesh Mantra) व आरती होती है.
- पति-पत्नी का एक साथ 'अग्ने सखस्य बोधि नः' गणेश मंत्र का उच्चारण करना शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से दांपत्य जीवन में सुख बना रहता है.
- गणेश भगवान को गुड़ और घी का भोग भी लगाया जाना शुभ मानते हैं. साथ ही, मोदक (Modak) के भोग का विशेष महत्व है क्योंकि उसे भगवान गणेश का प्रिय भोग माना जाता है.
- श्री गणेशाय नम: मंत्र का जमा भी अच्छा माना जाता है. ज्योतिषी के अनुसार 11 बार इस मंत्र का जाप किया जाता है. वहीं, ऊँ गं गणपतये नमः मंत्र का जाम 108 बार करने की मान्यता है.
- पूजा के दौरान लाल रंग के पुष्प भगवान गणेश पर अर्पित करने शुभ माने जाते हैं.
- माना जाता है कि भगवान गणेश को दूर्वा बेहद प्रिय है, इस चलते पूजा के सथान पर दूर्वा अवश्य रखी जाती है.
- मंदिर में शमी के पत्ते रखना भी सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए अच्छे माने जाते हैं. वहीं, मान्यतानुसार गणेश भगवान की प्रतिमा के सामने बैठकर ध्यान करने भर से ही गणेश भगवान की कृपा मिल जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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