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This Article is From Dec 06, 2021

जानें कौन सा फूल चढ़ाने से भगवान शिव होते हैं प्रसन्न, हर पुष्प का है अलग महत्व

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए किसी खास विधि की जरूरत नहीं होती है, कहा जाता है कि वे बहुत भोले हैं और अपने भक्तों की प्रार्थना जल्द ही सुन लेते हैं. जानिए वे कौन से फूल हैं, जिनको शिवलिंग पर चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न हो सकते हैं.

जानें कौन सा फूल चढ़ाने से भगवान शिव होते हैं प्रसन्न, हर पुष्प का है अलग महत्व
सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाएं ये फूल, बरसेगी शिव जी की कृपा
नई दिल्ली:

भगवान शिव जी ही एक मात्र ऐसे देव हैं, जो अपने भक्तों के पूजा-पाठ से जल्द ही प्रसन्न होते हैं, लेकिन यह पूजन विधिवत किया जाना जरूरी है. सोमवार का दिन भगवान शिव जी का माना जाता है, इस दिन भोलेनाथ की खास पूजा की जाती है. इस दिन भगवान शिव की आराधना के समय कुछ बातों का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए जैसे- काले रंग के वस्‍त्र पहनकर न करें पूजा और न ही अर्पित करें कुमकुम और सिंदूर. भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए किसी खास विधि की जरूरत नहीं होती है, कहा जाता है कि वे बहुत भोले हैं और अपने भक्तों की प्रार्थना जल्द ही सुन लेते हैं. जानिए वे कौन से फूल हैं, जिनको शिवलिंग पर चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न हो सकते हैं.

भोलेनाथ को सुगंधित फूलों को चढ़ाने का प्रावधान

सोमवार के व्रत में जरूरी नहीं होता कि आप फल आहार की खाएं, इस दिन सादा खाना भी खाया जा सकता है. सुबह जल्दी उठकर स्नान करने और भगवान शिव की पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए और अपनी इच्छा पूरी होने की प्रार्थना करनी चाहिए. इस दिन भोलेनाथ को कनेर का फूल चढ़ाने से आपको कई लाभ मिल सकते हैं. शिव पुराण में भगवान शंकर की पूजा में फूल-पत्तियां दोनों को ही चढ़ाने का विशेष महत्व बताया गया है. महादेव के जलाभिषेक के बाद, उनको शिवप्रिय बिल्वपत्र समर्पित किया जाता हैं. वहीं, आंकड़ा, परिजात आदि के फूल चढ़ाए जाते हैं और भांग, धतूरे, ऋतुफल, मिष्ठान्न आदि का भोग लगाया जाता है. कैलाशपति शिव को विभिन्न तरह के सुगंधित फूलों को चढ़ाने का प्रावधान है. अलग-अलग तरह के फूलों को समर्पित करने से शिवभक्त को इच्छानुरूप फल की प्राप्ति होती है.

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इन पुष्पों से करें भोलेनाथ को प्रसन्न

  • माना जाता है कि शिव जी को शमी के फूल, बेला का फूल प्रिय हैं.
  • भगवान शिव की साधना में अलसी के फूल का विशेष महत्व है.
  • लाल व सफेद आंकड़े के फूल भगवान शिव की पूजा में विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं. इस पौधे को मदार भी कहते हैं. आंकड़े के पुष्प को लेकर मान्यता है कि भगवान शिव को इसे अर्पित करने से वह शीघ्र प्रसन्न होते हैं. माना जाता है कि शिव पूजा में इस पुष्प के प्रयोग करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
  • कनेर का पुष्प भगवान शिव ही नहीं तमाम देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय है. दैविक दृष्टि से इस को भगवान शिव का सबसे प्रिय फूल बताया गया है. मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में इस फूल को चढ़ाने पर मनुष्य को मनचाहा धन लाभ प्राप्त होता है.
  • मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति अगस्त्य फूल के साथ भगवान शिव की उपसना करता है तो समाज में उसके मान-सम्मान और यश में वृद्धि होती है. अगस्त्य के पेड़ को अलग-अलग स्थानों पर लोग हथिया, मुनिवृक्ष, वंगसेन आदि नामों से जानते हैं. मान्यता है कि इसी पुष्प के वृक्ष के नीचे अगस्त्य मुनि ने बैठकर तपस्या की थी, इसीलिए यह इसे अगस्त्य कहा गया.
  • भगवान शिव की पूजा में हरसिंगार के फूल का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. हरसिंगार के फूलों को पारिजात या शिउली का फूल भी कहते है. यह फूल सफेद रंग का होता है और इसमें एक नारंगी रंग की डंडी होती है. रात में खिलने वाले इस फूल को महादेव पर अर्पित करने से साधक के सुख व वैभव में वृद्धि होती है.
  • धतूरा भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है. शिव जी की पूजा में इसके फल और फूल को विशेष रूप से चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि जो दंपत्ति पावन शिवरात्रि पर इस धतूरे के फूल के साथ भगवान शिव की पूजा करते है, उन्हें शिव कृपा से जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है.
  • मान्यता है कि यदि दुख-दारिद्रय को दूर करना है तो जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा करना न भूलें. माना जाता है कि इस फूल से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने पर घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती. कहा जाता है कि भगवान शिव के आशीर्वाद से दरिद्रता आपके घर से कोसों दूर रहती है.
  • भगवान शिव को चमेली का फूल बहुत प्रिय है. वेदों में जिक्र आता है कि चमेली के फूल से शिवलिंग की पूजा करने पर मनुष्य के जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह होता है.

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