ओडिशा के इस शहर में कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को धार्मिक परंपरा और उत्साह के साथ विश्व विख्यात भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन किया गया जिसमें करीब नौ लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया. रात भर हुई बारिश के रकने के बाद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था. देश और दुनिया के श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की गुंडिचा मंदिर तक की यात्रा और वापस निवास लौटने के इस पूरे आयोजन के लिए समुद्र तटीय शहर में एकत्रित हुए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान और अन्य गणमान्य लोगों ने लोगों को भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा की बधाई दी. तीनों प्रतिमाओं के नौ जून को स्नान पूर्णिमा के दिन से दर्शन बंद थे इसलिए उनकी एक झलक पाने को लोग बड़े उत्साह के साथ उमड़े.
स्नान पूर्णिमा को महा स्नान के बाद प्रतिमाएं अनासरा पिंडी में रखी गयी थीं और शनिवार को वहीं उनके नब जौबन दर्शन किये गये.
गुजरात में भी भगवान जगन्नाथ की 140वीं रथयात्रा निकाली गयी
गुजरात में अहमदाबाद में भी कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान जगन्नाथ की 140वीं रथयात्रा निकाली गयी. 15 किलोमीटर तक निकलने वाली इस यात्रा की झलक देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों ने रविवार सुबह जमालपुर क्षेत्र स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से यात्रा शुरू की. रथयात्रा शुरू होने से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सुबह के समय मंदिर में मंगल आरती की. यात्रा में 18 हाथी, 101 ट्रक, सात कार, 30 अखाड़ों के सदस्य और 18 भजन मंडली शामिल रहे.
रथयात्रा के दौरान किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए यात्रा मार्ग पर पुलिसकर्मी और अर्द्धसैनिक बलों के 20,000 से अधिक कर्मी तैनात किए गए. इनमें एनएसजी कमांडो भी शामिल रहे.
कोलकाता में इस्कॉन द्वारा निकाली गयी सालाना रथयात्रा में बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं ने उत्साह से भाग लिया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विदेश दौरे पर होने के कारण उनकी अनुपस्थिति में प्रदेश के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुब्रत बख्शी ने जुलूस को हरी झंडी दिखाई.
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के इस्कॉन मायापुर में भी पारंपरिक धूमधाम और निष्ठा के साथ रथयात्रा का आयोजन किया गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान और अन्य गणमान्य लोगों ने लोगों को भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा की बधाई दी. तीनों प्रतिमाओं के नौ जून को स्नान पूर्णिमा के दिन से दर्शन बंद थे इसलिए उनकी एक झलक पाने को लोग बड़े उत्साह के साथ उमड़े.
स्नान पूर्णिमा को महा स्नान के बाद प्रतिमाएं अनासरा पिंडी में रखी गयी थीं और शनिवार को वहीं उनके नब जौबन दर्शन किये गये.
गुजरात में भी भगवान जगन्नाथ की 140वीं रथयात्रा निकाली गयी
गुजरात में अहमदाबाद में भी कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान जगन्नाथ की 140वीं रथयात्रा निकाली गयी. 15 किलोमीटर तक निकलने वाली इस यात्रा की झलक देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों ने रविवार सुबह जमालपुर क्षेत्र स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से यात्रा शुरू की. रथयात्रा शुरू होने से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सुबह के समय मंदिर में मंगल आरती की. यात्रा में 18 हाथी, 101 ट्रक, सात कार, 30 अखाड़ों के सदस्य और 18 भजन मंडली शामिल रहे.
रथयात्रा के दौरान किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए यात्रा मार्ग पर पुलिसकर्मी और अर्द्धसैनिक बलों के 20,000 से अधिक कर्मी तैनात किए गए. इनमें एनएसजी कमांडो भी शामिल रहे.
कोलकाता में इस्कॉन द्वारा निकाली गयी सालाना रथयात्रा में बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं ने उत्साह से भाग लिया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विदेश दौरे पर होने के कारण उनकी अनुपस्थिति में प्रदेश के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुब्रत बख्शी ने जुलूस को हरी झंडी दिखाई.
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के इस्कॉन मायापुर में भी पारंपरिक धूमधाम और निष्ठा के साथ रथयात्रा का आयोजन किया गया.
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