Navratri 2021: नवरात्रि हैं आने वाली, चलिए आपको बताते हैं गुजरात में कैसे मनाया जाता है ये त्योहार

गुजरात में इसकी धूम कुछ अलग ही दिखाई देती है. मां की आराधना में किया जाने वाला गुजरात का गरबा रास आज पूरे देश में लोकप्रिय हो चुका है. गुजरात के छोटे से छोटे गांव से लेकर शहरों तक में ये नृत्य पूरी श्रद्धा और उत्साह से किया जाता है.

Navratri 2021: नवरात्रि हैं आने वाली, चलिए आपको बताते हैं गुजरात में कैसे मनाया जाता है ये त्योहार

गुजरात के छोटे से छोटे गांव से लेकर शहरों तक में मां को प्रसन्न करने के लिए नृत्य पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है.

नई दिल्ली :

Navratri 2021: नवरात्रि, जिसका अर्थ है 'नौ रातें', भारत के कई हिस्सों में सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से मनाए जाने वाले हिंदू त्योहारों में से एक है. वैसे तो नवरात्रि का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन गुजरात में इसकी धूम कुछ अलग ही दिखाई देती है. मां की आराधना में किया जाने वाला गुजरात का गरबा रास आज पूरे देश में लोकप्रिय हो चुका है. गुजरात के छोटे से छोटे गांव से लेकर शहरों तक में मां को प्रसन्न करने के लिए ये नृत्य पूरी श्रद्धा और उत्साह से किया जाता है. नौ दिवसीय इस उत्सव में हर रात, पूरे राज्य में, गांवों और शहरों में समान रूप से, लोग जश्न मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं. इस बार नवरात्रि का त्योहार 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाएगा.

नौ रातों को तीन भागों में बांटा गया
प्रत्येक गरबा सर्कल का केंद्र बिंदु त्योहार की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए प्रत्येक समुदाय की ओर से बनाया गया छोटा देवी मंदिर होता है. मंदिर में एक गार्बो, एक मिट्टी का बर्तन होता है, जिसमें एक सुपारी, नारियल और चांदी का सिक्का रखा जाता है. हर रात लोग देवी के नौ रूपों में से एक की पूजा करने के लिए इकट्ठा होते हैं. नौ रातों को भी तीन भागों में बांटा गया है. पहला भाग देवी दुर्गा के लिए है. वह देवी जिसने महिषासुर राक्षस का अंत किया. दूसरा भाग है समृद्धि की देवी लक्ष्मी के लिए और तीसरा ज्ञान और कला की देवी सरस्वती के लिए हैं. पूजा के बाद संगीत शुरू होता है. देर रात तक लोग एक घेरे में नाचते हैं.

नौ दिनों तक होती है मिट्टी की पूजा
कच्छ में आशापुरा माता-नो-मध, भावनगर के पास खोडियार मंदिर, और अहमदाबाद-राजकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर छोटिला में चामुंडा माता मंदिर गुजरात के कुछ प्रमुख मंदिर हैं जो सबसे अच्छे नवरात्रि उत्सव की मेजबानी करते हैं. इसके अलावा, नवरात्रि मिट्टी की उर्वरता और मानसून की फसल का जश्न मनाने का समय है, जो ताजी मिट्टी के एक टीले से दर्शाया जाता है जिसमें अनाज बोया जाता है. त्योहार के सभी नौ दिन मिट्टी की पूजा की जाती है और पानी दिया जाता है. दसवें दिन विजयादशमी मनाई जाती है. इस दिन वाहनों की पूजा की जाती है. इस दिन को वाहन खरीदने के लिए भी एक शुभ दिन माना जाता है.

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नवरात्रि के दौरान उपवास
कुछ लोग नवरात्रि के दौरान उपवास भी रखते हैं और माता की पूजा करते हैं. शाकाहारी भोजन का सख्ती से पालन किया जाता है. शराब जैसी चीजों से पूरी तरह से दूरी बना ली जाती है. नवरात्रि में एक लोकप्रिय अनुष्ठान कन्या पूजन है, जो आठवें या नौवें दिन होता है. इस अनुष्ठान में नौ कन्याओं को देवी की तरह तैयार किया जाता है. उनके पैर धोए जाते हैं और भोजन कराया जाता है. उन्हें वस्त्र दिए जाते हैं.