
Shardiya Navratri 2025 Day 6 Maa Katyayani: शारदीय नवरात्रि में छठवां दिन देवी दुर्गा के दिव्य स्वरूप यानि मां कात्यायनी की पूजा के लिए समर्पित है. हिंदू मान्यता के अनुसार देवी कात्यायनी सुनहरे रंग की आभा लिए हुए हैं, जिनके दिव्य दर्शन मात्र से साधक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति नवरात्रि में मां कात्यायनी की विधि-विधान से पूजा, जप-तप और व्रत करता है तो देवी उस पर प्रसन्न होकर उसे रोग, शोक और भय से मुक्ति दिलाती हैं. आइए मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र, महाउपाय और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं.
कैसा है मां कात्यायनी का स्वरूप
हिंदू मान्यता के अनुसार भगवती दुर्गा का छठा स्वरूप मां कात्यायनी दिव्य आभा लिए हुए हैं. वे सोने के समान तेज लिए हैं. चार भुजाओं वाली मां कात्यायनी का एक हाथ वर मुद्रा तो दूसरा अभय मुद्रा में रहता है. वहीं एक हाथ में उन्होंने तलवार तो दूसरे हाथ में उन्होंने कमल का फूल ले रखा है. देवी दुर्गा के समान मां कात्यायनी भी सिंह की सवारी करती हैं.

नवरात्रि के छठे दिन कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा?
देवी कात्यायनी की पूजा करने के लिए साधक को नवरात्रि के छठे दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करके साफल कपड़े धारण करना चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार देवी की पूजा के लिए ईशान कोण में चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर मां कात्यायनी का चित्र या फिर प्रतिमा रखें. इसके बाद उस पर पवित्र जल छिड़कें. इसके बाद माता को पीले रंग के पुष्प और वस्त्र अर्पित करें.
हिंदू मान्यता के अनुसार देवी को पीला रंग अत्यधिक प्रिय है. मां कात्यायनी की धूप-दीप, फल-फूल, रोली-अक्षत, पीली मिठाई आदि से पूजा करने के बाद देवी के मंत्र 'ॐ देवी कात्यायन्यै नमः', श्लोक आदि का उच्चारण करें. नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी के मंत्र का अधिक से अधिक जप करना चाहिए. पूजा के अंत में मां कात्यायनी की आरती करें और उसके बाद सभी को प्रसाद बांटकर स्वयं भी ग्रहण करें.

मां कात्यायनी का वंदना मंत्र
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी.
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः.
मां कात्यायनी को किस चीज का लगाएं भोग
हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा में पीले फल या फिर पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
मां कात्यायनी की पूजा का महाउपाय
हिंदू मान्यता के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा सभी संकटों से उबार कर हर कामना को पूरा करने वाली मानी गई है. मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति के विवाह में बाधा आ रही हो तो उसे नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा में विशेष रूप से खड़ी हल्दी और पीले पुष्प चढ़ाकर पूजा करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं