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This Article is From Oct 09, 2021

Navratri 2021 Day 3: नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को है समर्पित, जानिए इस दिन की पूजा विधि और महत्व

Navratri 2021 Day 3: नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की साधना कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले भक्तों को संसार में यश, कीर्ति और सम्मान मिलता है ऐसी मान्याता है.

Navratri 2021 Day 3: नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को है समर्पित,  जानिए इस दिन की पूजा विधि और महत्व
Navratri 2021 Day 3: मां चंद्रघंटा को स्वर की देवी भी कहा जाता है.

नई दिल्ली: Navratri 2021 Day 3: नवरात्रि के दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है. लेकिन नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है. मां का तीसरा रूप राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता रहा है. वैसे मान्यता है कि वह अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं, इसलिए उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष रहता है हमेशा. साथ ही ये भी माना गया है कि मां चंद्रघंटा को घंटों की नाद बेहद प्रिय रही है. वे इससे दुष्टों का संहार तो करती हैं, वहीं इनकी पूजा में घंटा बजाने का खास महत्व रहता है. माना जाता है कि इनकी उत्पत्ति ही धर्म की रक्षा और संसार से अंधकार मिटाने के लिए हुई थी. मान्‍यता है कि मां चंद्रघंटा की उपासना भक्त को आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करती है. नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की साधना कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले भक्तों को संसार में यश, कीर्ति और सम्मान मिलता है ऐसी मान्याता है.

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माता चंद्रघंटा का स्वरुप - मां चंद्रघंटा के मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है. इनके दस हाथ हैं. इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं. इनका वाहन सिंह है. अपने वाहन सिंह पर सवार मां का यह स्वरुप युद्ध व दुष्टों का नाश करने के लिए तत्पर रहता है. चंद्रघंटा को स्वर की देवी भी कहा जाता है.

मां चंद्रघंटा की ऐसे करें पूजा - मां की पूजा करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थान पर देवी की मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद इन्हें गंगा जल से स्नान कराएं. मां चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत्, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें. मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए लाल रंग के फूल चढ़ाएं. इसके साथ ही फल में लाल सेब चढ़ाएं. भोग चढ़ाने के दौरान और मंत्र पढ़ते वक्त मंदिर की घंटी जरूर बजाएं, क्योंकि मां चंद्रघंटा की पूजा में घंटे का बहुत महत्व है. मान्यता है कि घंटे की ध्वनि से मां चंद्रघंटा अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बरसाती हैं. वैदिक और संप्तशती मंत्रों का जाप करें.

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जब करें पूजा तो साथ में करें मां चंद्रघंटा की आरती

नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान।

मस्तक पर है अर्ध चन्द्र, मंद मंद मुस्कान॥

दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद।

घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण॥

सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके सवर्ण शरीर।

करती विपदा शान्ति हरे भक्त की पीर॥

मधुर वाणी को बोल कर सब को देती ग्यान।

जितने देवी देवता सभी करें सम्मान॥

अपने शांत सवभाव से सबका करती ध्यान।

भव सागर में फसा हूं मैं, करो मेरा कल्याण॥

नवरात्रों की मां, कृपा कर दो मां।

जय माँ चंद्रघंटा, जय मां चंद्रघंटा॥

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