Kanya Pujan 2019: नवरात्रि में मां दुर्गा (Durga) की पूजा के आखिरी दो दिनों में कन्या पूजन (Kanya Puja) का विशेष महत्व है. अष्टमी (Durga Ashtami) और नवमी (Durga Navami) के दिन कन्या पूजन बेहद शुभ माना जाता है.. नवरात्रि के दौरान पूजी जाने वाली इन कन्याओं को दुर्गा माता (Durga Mata) का ही अलग-अलग रूप माना जाता है.. अष्टमी और नवमीं वाले दिन कन्याओं को हलवा, पूरी और चने का भोग लगाने के साथ-साथ उन्हें भेंट और लाल चुनरी उड़ाना भी शुभ माना जाता है. यहां जानिए कन्या पूजन के बारे में जरूरी बातें.
1. नवरात्रि में 3 से 10 साल तक की कन्याओं को ही साक्षात माता का रूप माना जाता है.
2. कन्याओं की संख्या के मुताबिक जानिए उनके स्वरूप के बारे में...
एक कन्या की पूजा से ऐश्वर्य
दो कन्याओं की पूजा से भोग और मोक्ष
तीन कन्याओं की पूजा से धर्म, अर्थ और काम की प्राप्ति
चार कन्याओं के पूजन से राज्यपद
पांच कन्याओं के पूजन से विद्या
छह कन्याओं के पूजन से सिद्धि
सात कन्याओं के पूजन से राज्य
आठ कन्याओं के पूजन से सपंदा
नौ कन्याओं के पूजन से पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है.
3. नवमीं से ज्यादा अष्टमी के दिन कन्या पूजन शुभ माना जाता है.
4. शास्त्रों के अनुसार 10 साल तक की उम्र तक की कन्याओं को ही कन्या पूजन में शामिल करना चाहिए. क्योंकि 2 साल की कन्या कुमारी, 3 साल की त्रिमूर्ति, 4 साल की कल्याणी, 5 साल की रोहिणी, 6 साल की कालिका, 7 साल की चंडिका, 8 की शांभवी, 9 साल की दुर्गा और 10 साल की कन्या को सुभद्रा माना जाता है.
5. कन्या पूजन के बाद बच्चियों को अपनी क्षमता के मुताबिक दक्षिणा जरूर दें. क्योंकि दक्षिणा के बिना भोग पूरा नहीं होता.
साथ ही याद रखें कि नवरात्रि के दिन ही नहीं बल्कि हर दिन बच्चियों का सम्मान करें.
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