Navratri 2017: नवरात्रि के नौवें दिन करें मां सिद्धिदात्री की पूजा, हर काम होंगे सिद्ध
नई दिल्ली:
नवरात्रि की देश भर में धूम मची हुई है. आज नवरात्र का नौवा दिन है. आज मां के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों की दाती हैं, इसीलिए ये सिद्धिदात्री कहलाती हैं. नवरात्रि के नौवें दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है. कहा जाता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से रूके हुए हर काम पूरे होते हैं और हर काम में सिद्धि मिलती है.
ऐसे करें पूजा
माता के नौवें रूप सिद्धिदात्री की भी पूजा मां के अन्य रूपों की तरह ही की जाती है, लेकिन इनकी पूजा में नवाह्न प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ किस्म के फूल और नौ प्रकार के फल अर्पित करने चाहिए. पूजा में सबसे पहले कलश और उसमें मौजूद देवी देवताओं की पूजा करें. इसके बाद माता के मंत्र का जाप करें.
मां सिद्धिदात्री का मंत्र
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
नवमी के दिन नौ कन्याओं को कराएं भोजन
नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद नौ कन्याओं को भोजन कराना चाहिए. कहा जाता है कि छोटी कन्याओं में मां का वास होता है, इसलिए नवमी के दिन उनकी पूजा की जाती है और भोजन कराया जाता है.
एक दिन है अष्टमी और नवमी तिथि
चैत्र नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि एक दिन यानि 4 अप्रैल को है. सुबह 10:10 बजे अष्टमी तिथि के खत्म होने के बाद नवमी तिथि आरंभ हो जाएगी. दोनों तिथियां एक साथ होने से मां के आठवें और नौवें स्वरूप की पूजा भी एक साथ ही किया जाना चाहिए. इसके साथ ही भगवना श्रीराम की जन्मतिथि भी इसी दिन है, तो इसके साथ राम नवमी भी मनाई जाएगी.
ऐसे करें पूजा
माता के नौवें रूप सिद्धिदात्री की भी पूजा मां के अन्य रूपों की तरह ही की जाती है, लेकिन इनकी पूजा में नवाह्न प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ किस्म के फूल और नौ प्रकार के फल अर्पित करने चाहिए. पूजा में सबसे पहले कलश और उसमें मौजूद देवी देवताओं की पूजा करें. इसके बाद माता के मंत्र का जाप करें.
मां सिद्धिदात्री का मंत्र
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
नवमी के दिन नौ कन्याओं को कराएं भोजन
नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद नौ कन्याओं को भोजन कराना चाहिए. कहा जाता है कि छोटी कन्याओं में मां का वास होता है, इसलिए नवमी के दिन उनकी पूजा की जाती है और भोजन कराया जाता है.
एक दिन है अष्टमी और नवमी तिथि
चैत्र नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि एक दिन यानि 4 अप्रैल को है. सुबह 10:10 बजे अष्टमी तिथि के खत्म होने के बाद नवमी तिथि आरंभ हो जाएगी. दोनों तिथियां एक साथ होने से मां के आठवें और नौवें स्वरूप की पूजा भी एक साथ ही किया जाना चाहिए. इसके साथ ही भगवना श्रीराम की जन्मतिथि भी इसी दिन है, तो इसके साथ राम नवमी भी मनाई जाएगी.
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