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मई महीने में कब रखा जाएगा मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, यहां जानिए सही तिथि और मुहूर्त

भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करिए. कहते हैं कि बिना तुलसी के पत्ते के भगवान कृष्ण भोग स्वीकार नहीं करते हैं.

मई महीने में कब रखा जाएगा मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, यहां जानिए सही तिथि और मुहूर्त
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम: 

Masik krishna Janmashtami date 2025 : मासिक कृष्णा जन्माष्टमी हर महीने की कृष्ण पक्ष (krishna paksh 2025) की अष्टमी तिथि (ashtami tithi) के दिन मनाया जाता है. धार्मिक मान्यतानुसार इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. ऐसे में आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह (jyesth month 2025) में पड़ने वाली मासिक कृष्ण जन्माष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में... Vastu tips : घर में इन 3 जगहों पर रखें मोर पंख, मिलेगा इसका वास्तु लाभ

मई की मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त 

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 मई को शाम 5 बजकर 41 मिनट पर शुरु होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 21 मई को सुबह 4 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगा. उदयातिथि के अनुसार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 20 मई दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. ये तो हो गई बात मासिक कृष्ण जन्माष्टमी तिथि की अब आते हैं 20 मई के पंचांग पर... 

20 मई पंचांग 2025

  • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 28 मिनट पर
  • चंद्रोदय - देर रात 01 बजकर 19 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - रात 07 बजकर 07 मिनट से शाम 07 बजकर 27 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से देर रात 12 बजकर 28 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक

भगवान कृष्ण मंत्र 

ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे

ऊँ कृष्णाय नम:

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम: 

ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:

मासिक कृष्णा जन्माष्टमी महत्व

मासिक कृष्णा जन्माष्टमी के दिन आप विधिपूर्वक लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना करिए. इस दौरान आप लड्डू गोपाल को खीर, माखन मिश्री, मिठाई और फल का भोग लगाएं. भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करिए. कहते हैं कि बिना तुलसी के पत्ते के भगवान कृष्ण भोग स्वीकार नहीं करते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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