Masik Shivratri 2023: मासिक शिवरात्रि हर माह पड़ने वाली शिवरात्रि है. शिवरात्रि के अवसर पर भक्त अपने आराध्य शिव के लिए व्रत रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं. हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. माना जाता है कि जो भक्त शिवरात्रि पर व्रत और भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करते हैं उनपर भोलेनाथ की खास कृपादृष्टि पड़ती है और भोलेनाथ उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. जानिए किस तरह मासिक शिवरात्रि पर पूजा की जाए.
मासिक शिवरात्रि की पूजा
पंचांग के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 13 सितंबर रात 2 बजकर 21 मिनट पर होगा और उसका समापन 14 सितंबर की सुबह 4 बजकर 48 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत 13 सितंबर के दिन ही रखा जा रहा है. मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त 13 सितंबर देररात से अगले दिन 12 बजकर 40 मिनट तक बताया जा रहा है.
शिवरात्रि की पूजा करने के लिए सुबह-सवेरे जल्दी उठा जाता है और साफ वस्त्र पहने जाते हैं. इसके बाद भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं. पूजा करने के लिए शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और शमी के पत्ते आदि अर्पित किए जाते हैं. इसके अलावा शिव मंत्रों का जाप होता है और सभी देवी-देवताओं का भी ध्यान किया जाता है.
माना जाता है कि शिवरात्रि की पूजा करने वाले भक्तों पर भगवान शिव मेहरबान रहते हैं और भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं. निम्न कुछ ऐसे मंत्र हैं जिनका शिव पूजा के दौरान उच्चारण किया जा सकता है.
शिव गायत्री मंत्र
।। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
अन्य मंत्र
।। श्री शिवाय नम:।।
।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नम:।।
।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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