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Sankashti Chaturthi 2025 : संकष्टी चतुर्थी पर शुभ योग के साथ बन रहे हैं कई अशुभ योग, जानिए यहां

ज्येष्ठ माह की एकदंत संकष्टी चतुर्थी को शुभ योग बन रहे हैं साथ ही कई अशुभ योग भी बन रहे हैं. जिसमें नए काम की शुरूआत और यात्रा पर निकलना अच्छा नहीं माना जाता है.

Sankashti Chaturthi 2025 : संकष्टी चतुर्थी पर शुभ योग के साथ बन रहे हैं कई अशुभ योग, जानिए यहां
यह समय यम देव से जुड़ा हुआ है. इस योग में महत्वपूर्ण काम और यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है.

Sankashti Chaturthi 2025 : आज संकष्टी चतुर्थी व्रत है. इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है. संकष्टी चतुर्थी के दिन सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने और उपवास रखने से सारी परेशानियां दूर होती हैं. साथ ही भगवान गणेश का साथ भी मिलता है. ज्येष्ठ माह की एकदंत संकष्टी चतुर्थी को कई शुभ योग बन रहे हैं. इसके साथ ही कई अशुभ योग भी बन रहे हैं. जिसमें नए काम की शुरूआत और यात्रा पर निकलना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी के दिन कौन-कौन से अशुभ योग बन रहे हैं और इनका आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है. 

Sankashti Chaturthi 2205 : एकदंत संकष्टी चतुर्थी आज, बन रहे हैं कई मंगलकारी योग, इतने बजे निकलेगा चांद

संकष्टी चतुर्थी के दिन कौन से बन रहे हैं अशुभ योग - Which inauspicious yogas are being formed on the day of Sankashti Chaturthi

यम गंड - यह समय यम देव से जुड़ा हुआ है. इस योग में महत्वपूर्ण काम और यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है. मान्यता है इस मुहूर्त में नया काम या यात्रा पर निकलने से काम सफल नहीं होता है.  यह समय आत्मनियंत्रण के लिए अच्छा माना जाता है. 

राहु काल - आज के दिन राहु काल भी है. आपको बता दें राहु छाया ग्रह है जो अनिश्चितता और अप्रत्याशित परिणामों से जुड़ा होता है. राहु आपके दिमाग में भ्रम, भय की स्थिति पैदा करता है. इस अवधि में भी यात्रा और निवेश न करने की सलाह दी जाती. राहु काल के समय में आप ध्यान और साधना करते हैं तो यह आपके लिए ज्यादा लाभकारी होगा.  

गुलिक काल - यह काल भी दीर्घकालिक कार्यों या आध्यात्मिक अभ्यास के लिए अच्छा माना जाता है. यह शनि देव के पुत्र गुलिक से जुड़ा हुआ है. 

संकष्टी चतुर्थी शुभ योग - Auspicious Yogas of Sankashti Chaturthi

इस दिन सिद्ध योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.  साथ ही इस दिन साध्य योग भी बन रहा है. यह दोनों अवधि बहुत लाभकारी हैं. इस दिन मूल नक्षत्र सायं 4:07 तक रहेगा, जिससे पूजा का प्रभाव और बढ़ जाएगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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