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This Article is From Jan 03, 2024

Makar Sankranti 2024: सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही मकर संक्रांति पर बन रहा है ये खास योग, इतने समय तक ही कर पाएंगे दान-पुण्य

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस बार मकर संक्रांति पर सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही खरमास भी खत्म होने वाले हैं, ऐसे में हम आपको बताते हैं इस दिन कौन से शुभ संयोग बना रहे हैं.

Makar Sankranti 2024: सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही मकर संक्रांति पर बन रहा है ये खास योग, इतने समय तक ही कर पाएंगे दान-पुण्य
वहीं, मां गौरी के साथ भगवान शिव के वास के समय रुद्राभिषेक करने से आपको कई फलों की प्राप्ति होती है. 

Makar Sankranti 2024: नए साल की शुरुआत के साथ ही मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को लेकर भी जोरदार तैयारी शुरू हो गई है, इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास (Kharmas) का भी समापन हो जाएगा. इसके अलावा मकर संक्रांति पर रवि योग, (Ravi Yog) अमृत काल और अभिजीत मुहूर्त भी बन रहे हैं. ऐसे में इस बार की मकर संक्रांति बहुत खास होने वाली है, तो चलिए हम आपको बताते हैं मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त, दान पुण्य करने का समय. साल 2024 की पहली नवरात्रि कब है जानिए यहां डेट, पूजा विधि और मुहूर्त

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त 

ज्योतिषों के अनुसार, मकर संक्रांति पर पुण्य काल योग सुबह 7:15 से शुरू होगा जो शाम 5:56 तक रहेगा. वहीं महापुण्य काल योग सुबह 7:15 से सुबह 9:00 तक ही रहेगा, इस दौरान स्नान, पूजा, जाप, दान-पुण्य आदि चीजें करने का विधान है. मकर संक्रांति पर अभिजीत मुहूर्त भी पड़ेगा, जो दोपहर 12:09 से 12:51 तक रहेगा. वहीं, रवि योग सुबह 7:15 से लेकर सुबह 8:07 तक ही रहेगा और मकर संक्रांति पर पड़ने वाले अभिजीत मुहूर्त की बात की जाए तो यह रात 10:49 से लेकर 12:17 तक रहेगा और इसी के साथ मकर संक्रांति पर खरमास का समापन भी हो जाएगा और हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत भी फिर से हो जाएगी. वहीं, बव और बालव करण दोपहर 3:35 बजे तक रहेगा.

मकर संक्रांति पर करें महादेव, विष्णु भगवान और मां दुर्गा की पूजा 

मकर संक्रांति पर विष्णु भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है, इसके साथ शंकर भगवान और मां दुर्गा की भी पूजा विधि-विधान से की जाती है. इस दौरान आप भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी कर सकते हैं. वहीं, मां गौरी के साथ भगवान शिव के वास के समय रुद्राभिषेक करने से आपको कई फलों की प्राप्ति होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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