Mahashivratri 2023 Date, Pujan samagri, Puja muhurat, Puja vidhi: वैसे तो हर महीने के हर महीने की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जाती है. लेकिन फरवरी-मार्च के महीने में पड़ने वाली महाशिवरात्रि का खास महत्व है. भगवान शिव में आस्था रखने वाले भक्तों के लिए यह व्रत बेहद खास महत्व रखता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करना अत्यंत शुभ होता है. भगवान शिव की कृपा पाने के लिए लोग इस दिन पूरे भक्ति भाव से शिवजी की पूजा करते हैं. आइए जानते हैं कि साल 2023 में महाशिवरात्रि कब है और पूजा-विधि, महत्व क्या है.
महा शिवरात्रि 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त | Mahashivratri 2023 Date, Shubh Muhurat
महा शिवरात्रि तिथि- 18 फरवरी 2023, शनिवार
निशिता काल पूजा मुहूर्त- 12:09 ए एम से 01:00 ए एम, फरवरी 19
महा शिवरात्रि पारण तिथि- 19 फरवरी, 06:56 ए एम से 03:24 पी एम
महाशिवरात्रि चारों प्रहर की पूजा का मुहूर्त
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 06:13 पी एम से 09:24 पी एम
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:24 पी एम से 12:35 ए एम, फरवरी 19
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12:35 ए एम से 03:46 ए एम, फरवरी 19
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:46 ए एम से 06:56 ए एम, फरवरी 19
चतुर्दशी तिथि आरंभ - फरवरी 18, 2023 को 08:02 पी एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त - फरवरी 19, 2023 को 04:18 पी एम बजे
महा शिवरात्रि 2023 पूजा-विधि | Mahashivratri 2023 Puja Vidhi
फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि को साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि में से एक माना जाता है. अपने दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके करें. इसके बाद घर में पूजा स्थल पर जल से भरा कलश स्थापित करें. बाद में कलश के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों को रखें.
भगवान शिव और माता पार्वती को अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा और फल चढ़ाएं. पूजा करें और अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.
महा शिवरात्रि पूजन सामग्री | Mahashivratri 2023 Pujan Samagri List
महाशिवरात्रि की पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा, गाय का कच्चा दूध, चंदन, रोली, कपूर, केसर, दही, घी, मौली, अक्षत (चावल), शहद, शक्कर, पांव प्रकार के मौसमी फल, गंगा जल, जनेऊ, वस्त्र, इत्र, कनेर पुष्प, फूलों की माला, खस, शमी का पत्र, लौंग, सुपारी, पान, रत्न, आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, धूप, शुद्ध जल, कलश इत्यादि पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है. मान्यता है कि इन पूजन सामग्रियों से भगवान शिव की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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