
bhasm aarti mahakaleshwar Ujjain temple : मध्यप्रदेश का महाकालेश्वर मंदिर अपनी भस्म आरती के लिए जाना जाता है. यह पंरपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. आपको बता दें कि भस्म आरती यहां पर एक खास तरह की पूजा है, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है. जिसे देखने के लिए भक्त देश-विदेश से आते हैं. इस आरती को लेकर लोगों की मान्यता है कि इसमें श्मशान से आने वाली राख का इस्तेमाल होता है. लेकिन वहां, के पुजारी इस बात को खारिज करते हैं. उनका कहना है कि आरती में श्मशान की राख का इस्तेमाल नहीं होता है. बल्कि यह भस्म 7 अलग-अलग चीजों से तैयार किया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं उन सामग्रियों के बारे में, जिनसे बनता है महाकालेश्वर के लिए भस्म...
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किन चीजों से तैयार होता है आरती के लिए भस्म - From which things is ash prepared for Aarti
महाकाल पर चढ़ने वाली पवित्र भस्म कपिला गाय के गोबर से बने कंडों, शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलतास और बेर के वृक्ष की लकड़ियों को एक साथ जलाकर तैयार की जाती है.
कितने देर चलती है भस्म आरती - How long does Bhasma Aarti last?
भस्म आरती करीब दो घंटे तक की जाती है. इस दौरान वैदिक मंत्रों का उच्चारण होता है. साथ ही, आरती के दौरान ही महाकाल का श्रृंगार भी किया जाता है.
महाकाल मंदिर, उज्जैन में भस्म आरती सुबह 4:00 बजे होती है. इसके अलावा, दिन भर में 6 आरती होती हैं, जिनमें बालभोग, भोग, पूजन, संध्या, और शयन आरती शामिल हैं.
6 आरती का समय इस प्रकार है - The time of Bhasma Aarti is as follows
- भस्म आरती: सुबह 4:00 बजे
- बालभोग आरती: सुबह 7:30 बजे
- भोग आरती: सुबह 10:30 बजे
- संध्या पूजा: शाम 5:00 बजे
- संध्या आरती: शाम 6:30 बजे
- शयन आरती: रात 10:30 बजे
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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