मंदिर में पूजा के लिए अब ड्रेसकोड की बाध्यता नहीं, हाईकोर्ट ने निरस्त किया एकल पीठ का आदेश

मंदिर में पूजा के लिए अब ड्रेसकोड की बाध्यता नहीं, हाईकोर्ट ने निरस्त किया एकल पीठ का आदेश

फाइल फोटो

चेन्नई:

मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य के मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का पहनावा तय करने के एकल न्यायपीठ के आदेश को निरस्त किया। यह मामला उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के सामने दायर याचिका से संबंधित है जिसमें 23 नवंबर 2015 को त्रिची जिले के श्री शेनबागा विनयागर मंदिर परिसर में प्रस्तावित ‘‘ग्रामिया अदाल पादल विझा’’ के लिए अनुमति तथा पुलिस संरक्षण मांगा गया था।
 
मदुरै पीठ के सामने यह मामला आने पर एक न्यायाधीश की पीठ ने याचिका पर आदेश पारित करते हुए स्वत: संज्ञान लिया और राज्य एचआर एवं सीई बोर्ड को पक्षकार बना दिया था तथा पुरूषों, महिलाओं और बच्चों के लिए पहनावा तय कर दिया था।
 
सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के विपरीत था आदेश
एकल पीठ के न्यायाधीश ने पुलिस को बरमूडा, शार्ट्स, मिनी स्कर्ट, मिडीज, बिना बाजू वाले टाप, शार्ट और लो वेस्ट जीन्स पहनकर आने वालों को किसी हिन्दू मंदिर में प्रवेश करने से रोकने का निर्देश दिया था।
 
न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति के रविचंद्र बाबू की पीठ ने कहा कि एक न्यायाधीश की पीठ द्वारा बताए गए कारण विभिन्न मामलों में उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई चेतावनी के विपरीत हैं।
 


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