
Maa Katyayani Ki Aarti Hindi Day 6 Navaratri 2025: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस साल 22 सितंबर 2025 से हो चुकी है. देवी पूजा के लिए निर्धारित 09 दिनों में मां भगवती के 09 स्वरूपों का दर्शन और पूजन अत्यंत ही शुभ और मंगलदायी माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि का छठवां दिन देवी दुर्गा के दिव्य स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा के लिए निर्धारित है. हिंदू मान्यता के अनुसार देवी दुर्गा ने महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होने के बाद उनके यहां पुत्री रूप में जन्म लिया था. जिसके बाद उन्हें मां कात्यायनी के नाम से जाना गया.
नवरात्रि के छठवें दिन भगवती दुर्गा की पूजा करने वाले साधक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष सभी फलों की प्राप्ति होती है लेकिन ध्यान रहे मां कात्यायनी की पूजा तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक आप उनकी विधि-विधान से आरती नहीं करते हैं. आइए भगवती दुर्गा के पावन स्वरूप मां कात्यायनी की आरती को पढ़ते हुए उनकी महिमा का गुणगान करते हैं.
मां कात्यायनी की आरती | Maa Katyayani Ki Aarti
जय जय अम्बे जय कात्यायनी.
जय जगमाता जग की महारानी.
बैजनाथ स्थान तुम्हारा.
वहां वरदाती नाम पुकारा.
कई नाम हैं कई धाम हैं.
यह स्थान भी तो सुखधाम है.
हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी.
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी.
हर जगह उत्सव होते रहते.
हर मन्दिर में भगत हैं कहते.
कात्यायनी रक्षक काया की.
ग्रंथि काटे मोह माया की.
झूठे मोह से छुडाने वाली.
अपना नाम जपाने वाली.
बृहस्पतिवार को पूजा करिए.
ध्यान कात्यायनी का धरिये.
हर संकट को दूर करेगी.
भंडारे भरपूर करेगी.
जो भी मां को भक्त पुकारे.
कात्यायनी सब कष्ट निवारे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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