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This Article is From Dec 27, 2021

Lord Shiva Puja: सोमवार को भगवान शिव की पूजा करते समय ध्यान रखें ये जरूरी बातें

Lord Shiva Puja: भगवान शिव की पूजा का सबसे पावन दिन है सोमवार. शिव जी की पूजा में बहुत सी ऐसी चीजें अर्पित की जाती हैं, जो अन्‍य किसी देवता को नहीं चढ़ाई जातीं, जैसे- आक, बिल्वपत्र, भांग आदि. इसी तरह सोमवार को भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

Lord Shiva Puja: सोमवार को भगवान शिव की पूजा करते समय ध्यान रखें ये जरूरी बातें
Lord Shiva Puja: शि‍व पूजन में इन बातों का रखें ख्‍याल
नई दिल्ली:

मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भोलेनाथ की आराधना करनी चाहिए. इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती को गंगाजल चढ़ाना चाहिए. इस दिन शिवजी पर खास तौर से चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा और आंकड़े के फूल चढ़ाने चाहिए. शिव पूजा का सबसे पावन दिन है सोमवार. इस दौरान शिव मंदिरों में भक्तों का भारी जमावड़ा देखा जा सकता है. शिव पूजा में बहुत सी ऐसी चीजें अर्पित की जाती हैं, जो अन्‍य किसी देवता को नहीं चढ़ाई जातीं, जैसे- आक, बिल्वपत्र, भांग आदि. इसी तरह सोमवार को भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

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भोलेनाथ को प्रिय हैं ये चीजें

सोमवार (Monday) का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है. ऐसे में कहा जाता है कि अगर सोमवार को भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो सारे कष्टों (Pains) से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामना पूरी होती है. इस दिन भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल चढ़ाना चाहिए. साथ ही इस दिन शिवजी पर खास तौर से चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल चढ़ाने चाहिए. ये सभी चीजें भगवान शिव की प्रिय हैं. इन्हें चढ़ाने पर भोलेनाथ खुश होकर अपनी कृपा बरसाते हैं. सोमवार के दिन भगवान शिव को घी, शक्कर और गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए.

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पूजन के समय इन चीजों का रखें ख्याल

हल्‍दी: शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए.

फूल: भगवान भोलेनाथ को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. भोलेनाथ को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है.

कुमकुम व रोली: शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव शंकर को कुमकुम और रोली नहीं लगाना चाहिए. ये महादेव की पूजा में वर्जित है

शंख: ज्ञात हो कि शंख भगवान श्री हरि विष्णु को बेहद प्रिय है, लेकिन महादेव ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था, इसलिए शंख भगवान भोलेनाथ की पूजा में वर्जित माना गया है.

नारियल पानी: ध्यान रखें कि नारियल पानी से भगवान श‌िव का अभ‌िषेक न करें, क्योंक‌ि नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. यही वजह है कि सभी शुभ कार्य में नारियल को प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है, लेक‌िन भोलेनाथ पर अर्प‌ित होने के बाद नारियल पानी ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है.

तुलसी दल: तुलसी का पत्ता भी महादेव को न चढ़ाएं. इस संदर्भ में असुर राज जलंधर की कथा है, ज‌िसकी पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी. भोलेनाथ ने जलंधर का वध क‌िया था, इसल‌िए वृंदा ने भगवान श‌िव की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करने की बात कही थी.

तिल: शिवलिंग पर भूलकर भी तिल अर्पित न करें. तिल भोलेनाथ को प्रिय नहीं है.

टूटा हुआ चावल: शिवलिंग पर टूटा हुआ चावल न छिड़कें. माना जाता है कि पूजन में टूटे चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

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पूजन के समय इस मंत्र का करें जाप

मन्दारमालांकलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।

दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

पूजा संपन्न करने के लिए भगवान शिव को घी, शक्कर का भोग लगाएं और इसके बाद धूप, दीप से आरती करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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