प्रयाग के संगम तट पर एक महीने तक बसने वाली अध्यात्म की नगरी में रहने वाले लोग दिन भजन पूजन में गुजरता हैं तो रात प्रवचन में एक महीने तक सांसारिक दुनिया से अलग आध्यात्मिक दुनिया में यहां रहने वाले लोग सब कुछ भूल कर अपनी धूनी रमाए रहते हैं. लेकिन जब इस नगरी से वापस अपने घर की तरफ लोग जाने लगते हैं तो एक बार फिर उन्हें सांसारिक दुनिया की परेशानियां याद आने लगाती है लिहाजा वो रास्ते में अलग अलग तरह के भविष्य और ज्योतिषी समाधान में अपने भविष्य को जानने में जुट जाते हैं. सड़क के किनारे जगह-जगह आपको माइक से आती आवाज़ ये अंगूठी चमत्कारी अंगूठी है इसको पहनने से शनि का प्रकोप काम होता है बिगड़े हुवे काम बन जाते हैं दिमाग शांत रहता है घर में कलेश नहीं रहता, पढ़ाई में मन लगेगा सुनाई देने लगता है.
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लिहाजा कुंभ मेले (Kumbh Mela) में संगम में स्नान कर लौटती भीड़ को उनकी रोज़मर्रा की निदान कराती चमत्कारी अंगूठी का ये दावा लोगों को बरबस इन अंगूठियों तक खींच लाता है. और हांथ की ऊंगलियों में इन अंगूठियों के नाप लेने की होड़ लग जाती है. इसी भीड़ में रीवां से आये ये अभय दुबे हैं. अभय दुबे व्यापारी हैं संगम में पुण्य कमा कर जब लौट रहे थे तो इस आवाज़ ने व्यापार में उतार चठाव और पारिवारिक समस्या की याद दिला दी लिहाजा उसके अचूक निदान के लिये अंगूठी खरीदने चले आये अभय दुबे कहते हैं कि "हम स्नान करके जब लौट रहे हैं तो बहुत सारी पारिवारिक चीजें याद आती हैं और हम चाहते हैं कि हमारे घर में शान्ति बनी रहे और एकता रहे भाई बंधुत्व बनी रहे मेरा इसमें बहुत विश्वास है और शनि के प्रकोप से इससे शान्ति मिलती है.
कुंभ मेले में लोगों की समस्याओं को दूर करने में सिर्फ यही एक उपाय नहीं है बल्कि शयामा चिड़िया जैसी सिद्ध बेजुबान पंक्षी भी है जो पिंजरे से निकल कर अपना भविष्य और सगुन जानने वाले लोगों को उपाय बताती नज़र आती हैं. मध्यप्रदेश से संगम में डुबकी लगाने पहुंचे अमरजीत और उनके साथी भी स्नान करने के बाद बेज़ुबान पंक्षी को भविष्य बताते देख अपने को रोक नहीं पाए और शयामा चिड़िया से अपना भाग्य विचरवाने बैठ गये श्यामा चिड़िया ने भी उन्हें निराश नहीं किया और तीन बार लगातार उनके उत्सुकता पर बार बार उनका वही भविष्य निकाला जो पहली बार निकाला था. इससे वो बेहद खुश नज़र आये "ये चिड़ियां हैं तो इन्ही से विचार करा रहे थे अपने भविष्य के लिये क्या हमारे भविष्य में आयेगा क्या होगा पीछे होगा नहाने धोने के बाद पंक्षी भी मिल गये विचार अच्छा करते हैं तो विचार कराया बताया की तुम्हारा आगे कैसा रहेगा.
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शनि की अंगूठी और श्यामा चिड़िया से तो लोगों को मेले की सड़क के किनारे आम लोगों का भविष्य बांच रहे थे पर बड़े लोगों के लिए अलग अलग वीआईपी टेन्ट में प्रोफेशनल ज्योतिषी भी नज़र आये. इन्ही में एक अंजनी ग्राम काशी की टेंट सिटी में बैठे हाईफाई ज्योतिषी भी हैं जिनके यहां देश भर से लोग अपनी समस्या का समाधान हर वक्त पूछते नज़र आते हैं ज्योतिषी अनिल कुमार पाण्डेय कहते हैं कि " यहां का अनुभव मेरा अतुलनीय रहा यहां इंडिया के विभिन्न इलाके के लोग मिले उनकी विविध समस्या को सूना और ज्योतिषीय निदान दिया तरह तरह की समस्या लेकर लोग आए लव मैरिज से लेकर बिमारी से लेकर नौकरी तक की समस्या लेकर आए.
साफ है कि अध्यात्म की नगरी के रंग निराले है और दिन भर में ये नगरी कई तरीके के रंग बदलती है उसमे ये भी एक रंग है.
VIDEO: कुंभ के रंग : चिड़िया से पता कर रहे 'भविष्य', समस्या निदान के लिए 'चमत्कारी अंगूठी' का सहारा
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