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This Article is From Aug 23, 2019

Krishna Janmashtami 2019: दही-हांडी की कैसे हुई शुरुआत, जानिए श्रीकृष्ण को क्यों कहा जाता है 'माखन चोर'

Dahi Handi: मंदिरों और घरों में बालगोपाल का दूध, शहद और पानी से अभिषेक कर उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाएंगे. कई जगहों पर श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की झाकियां भी निकाली जाएंगी. आइए जानिए कृष्ण जन्म के बाद दही-हांडी के उत्सव पर क्या-क्या होगा.

Krishna Janmashtami 2019: दही-हांडी की कैसे हुई शुरुआत, जानिए श्रीकृष्ण को क्यों कहा जाता है 'माखन चोर'
Dahi Handi से जुड़ी खास बातें
नई दिल्ली:

कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) 23 और 24 अगस्त को मनाई जा रही है. इस बार दही हांडी (Dahi Handi) का उत्सव 24 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन दही और माखन से भरी मटकी को फोड़ी जाएगी. जोरो-शोरों से जश्न मनाया जाएगा. 23 अगस्त की रात 12 बजे नन्हे बाल गोपाल जन्म लेंगे. वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) में रात 12 बजे गर्भगृह में ठाकुर जी का महाभिषेक किया जाएगा. रात 1 बज कर 55 मिनट पर मंगला आरती की जाएगी. मंदिरों के साथ ही घरों में भी बालगोपाल का दूध, शहद और पानी से अभिषेक कर उन्हें नए वस्त्र पहनाया जाएगा. कई जगहों पर श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की झाकियां भी निकाली जाएंगी. आइए जानिए कृष्ण जन्म के बाद दही-हांडी के उत्सव पर क्या-क्या होगा.

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क्यों मनाया जाता है दही-हांडी का उत्सव?
वृन्दावन में महिलाओं ने मथे हुए माखन की मटकी को ऊंचाई पर लटकाना शुरू कर दिया जिससे की श्रीकृष्ण का हाथ वहां तक न पहुंच सके. लेकिन नटखट कृष्ण की समझदारी के आगे उनकी यह योजना भी व्यर्थ साबित हुई. माखन चुराने के लिए श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक पिरामिड बनाते और ऊंचाई पर लटकाई मटकी से दही और माखन को चुरा लेते थे. वहीं से प्रेरित होकर दही हांडी का चलन शुरू हुआ. दही हांडी के उत्सव के दौरान लोग गाने गाते हैं जो लड़का सबसे ऊपर खड़ा होता है उसे गोविंदा कहा जाता है और ग्रुप के अन्य लड़कों को हांडी या मंडल कहकर पुकारा जाता है.

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श्रीकृष्ण को कहा जाता है 'माखन चोर'
अपने बचपन में श्रीकृष्ण बेहद ही नटखट थे, पूरे गांव में उन्हें उनकी शरारतों के लिए जाना जाता था. श्रीकृष्ण को माखन, दही और दूध काफी पंसद था. उन्हें माखन इतना पंसद था जिसकी वजह से पूरे गांव का माखन चोरी करके खा जाते थे. इतना ही उन्हें माखन चोरी करने से रोकने के लिए एक दिन उनकी मां यशोदा को उन्हें एक खंभे से बांधना पड़ा और इसी वजह से भगवान श्रीकृष्ण का नाम 'माखन चोर' पड़ा.

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