
फाइल फोटो
घर के बड़े बुजुर्ग अक्सर कहते हैं, कि रात के समय कब्रिस्तान या श्मशान में नहीं जाना चाहिए. केवल यही नहीं रात के समय वहां से गुजरना भी नहीं चाहिए.
हालांकि कुछ लोग इसे सिर्फ अंधविश्वास मानते हैं. लेकिन यह सिर्फ अन्धविश्वास नहीं है. इसके पीछे मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक तथ्य भी हैं. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार रात को नकारात्मक शक्तियां अधिक प्रभावी होती हैं. ये नकारात्मक शक्तियां मानसिक रूप से कमजोर किसी भी व्यक्ति को तुरंत अपने प्रभाव में ले लेती हैं.
मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर हो और नकारात्मक सोच से घिरा हुआ हो तो ये संभावना और भी बढ़ जाती है. प्रायः जब कोई व्यक्ति इन नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव में आता है तो उसका खुद पर काबू नहीं रहता. वह उनके वश में हो जाता है.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि सकारात्मक और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव सभी मनुष्य पर होता है. लेकिन कमजोर सोच के लोगों पर नकारत्मक शक्ति तुरंत हावी हो जाती हैं. इसलिए कहा गया है कि रात को किसी भी कब्रिस्तान या श्मशान में नहीं जाना चाहिए या उसके पास से नहीं गुजरना चाहिए. इससे आप परेशानी में पड़ सकते हैं.
हालांकि कुछ लोग इसे सिर्फ अंधविश्वास मानते हैं. लेकिन यह सिर्फ अन्धविश्वास नहीं है. इसके पीछे मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक तथ्य भी हैं. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार रात को नकारात्मक शक्तियां अधिक प्रभावी होती हैं. ये नकारात्मक शक्तियां मानसिक रूप से कमजोर किसी भी व्यक्ति को तुरंत अपने प्रभाव में ले लेती हैं.
मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर हो और नकारात्मक सोच से घिरा हुआ हो तो ये संभावना और भी बढ़ जाती है. प्रायः जब कोई व्यक्ति इन नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव में आता है तो उसका खुद पर काबू नहीं रहता. वह उनके वश में हो जाता है.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि सकारात्मक और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव सभी मनुष्य पर होता है. लेकिन कमजोर सोच के लोगों पर नकारत्मक शक्ति तुरंत हावी हो जाती हैं. इसलिए कहा गया है कि रात को किसी भी कब्रिस्तान या श्मशान में नहीं जाना चाहिए या उसके पास से नहीं गुजरना चाहिए. इससे आप परेशानी में पड़ सकते हैं.
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