फोटो साभार: maavaishnodevi.org
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पर्वत पर स्थित वैष्णो देवी गुफा मंदिर केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का एक सबसे व्यस्त तीर्थस्थल है। त्रिकुटा पर्वत पर स्थित होने के कारण वैष्णो देवी का एक नाम त्रिकुटा देवी भी है।
आइए, जानते हैं इस गुफा मंदिर और यहां की यात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें:
आइए, जानते हैं इस गुफा मंदिर और यहां की यात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें:
- जिस स्थान पर वैष्णो देवी पिंडियों, देवी काली (दाएं) और देवी सरस्वती (बायें) और देवी लक्ष्मी (मध्य), के रूप में गुफा में विराजित है, वह स्थान ‘माता रानी का भवन’ कहलाता है। मान्यता है कि यहीं पर वैष्णो देवी ने भैरोनाथ का वध किया था।
- यात्रियों को वैष्णो देवी का दर्शन करने के लिए कटरा में यात्रा पर्ची लेना पड़ती है। यात्रा पर्ची लेने के 6 घंटे के भीतर यदि इसे चेक पोस्ट पर एंट्री नहीं करवाया जाता है, तो यात्रा पर्ची रद्द हो जाती है।
- मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए वर्तमान में जिस मार्ग का प्रयोग किया जाता है, वह प्राकृतिक मार्ग नहीं है। इसका निर्माण तब करवाया गया था, जब यहां आनेवाले तीर्थयात्रियों की तादाद काफी बढ़ गई। जब दर्शनार्थियों के संख्या कम होती है, तब प्राचीन गुफा का मार्ग भी खोल दिया जाता है।
- वैष्णो देवी गुफा मंदिर लगभग 98 मीटर लम्बा है। गुफा के अन्दर एक वृहत चबूतरा है, जिसे ‘मां का आसन’ कहा जाता है। यहां आने जाने के लिए दो और कृत्रिम रास्ते बने हुए हैं।
- गुफा के एक स्थान को ‘गर्भ-पूजन स्थान’ या ‘गर्भजून’ कहते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि जिस तरह से शिशु नौ मास तक गर्भ में रहता है, उसी प्रकार वैष्णो देवी ने यहां वास किया था।
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