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This Article is From Apr 14, 2016

केरल के हिंदू समुदाय ने 'विषुकनी दर्शन' अनुष्ठान से किया नववर्ष विशु का स्वागत

केरल के हिंदू समुदाय ने 'विषुकनी दर्शन' अनुष्ठान से किया नववर्ष विशु का स्वागत
केरल में विशु के अवसर पारंपरिक विषुकनी पूजा
तिरुवनंतपुरम: केरल में हिंदू लोगों ने गुरुवार तड़के पारंपरिक नववर्ष विशु का स्वागत किया और मंदिरों में पूजा-अर्चना की। विशु को आने वाले साल के लिए सौभाग्य व अच्छी किस्मत के आगमन का प्रतीक माना जाता है और इस दिन केरल में सार्वजनिक अवकाश होता है।

सुबह में राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित सबरीमाला मंदिर, गुरुवायूर श्री कृष्णा मंदिर और पद्मनाभस्वामी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।

विषुकनी दर्शन: साल भर रहता है इसका शुभ प्रभाव
महिलाएं पारंपरिक कसुवु साड़ी(सुनहरी किनारी वाली सफेद साड़ी) और पुरुष धोती पहने नजर आए। उल्लेखनीय है कि केरल की 3.34 करोड़ की आबादी में 1.82 करोड़ लोग हिंदू हैं।

विशु पर्व के अहम पहलुओं में से एक यह है कि घर के सभी लोग 'विषुकनी दर्शन' अनुष्ठान करते हैं, जिसमें घर के लोग सुबह में सबसे पहले अपने पसंदीदा देवी-देवता के दर्शन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि विषुकनी का शुभ प्रभाव वर्षपर्यंत रहता है। 

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