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This Article is From Jun 11, 2024

घर में पहली बार ला रहे हैं लड्‌डू गोपाल, जरूर जान लें श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की सेवा के ये नियम

भक्त लड्‌डू गोपाल की बच्चे की तरह देखभाल करते हैं. उन्हें समय से जगाते और सुलाते हैं. समय समय पर भोग लगाते हैं. अगर आप भी लड्‌डू गोपाल को घर ला रहे हैं तो उनकी सेवा के कुछ नियमों को जरूर जान लें.

घर में पहली बार ला रहे हैं लड्‌डू गोपाल, जरूर जान लें श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की सेवा के ये नियम
वस्त्र पहनाने के बाद लड्‌डू गोपाल का श्रृंगार करना चाहिए. उन्हें चंदन का टीका लगाएं.

Puja  Niyam of Laddu Gopal : श्रीकृष्ण के भक्त उनकी कई रूपों की पूजा करते हैं. उनके बाल स्वरूप लड्‌डू गोपाल ( Laddu Gopal) भक्तों को सबसे ज्यादा प्रिय हैं. भक्त अपने घर में श्रीकृष्ण भगवान के बाल स्वरूप को स्थापित करते हैं और उनकी सेवा और पूजा से परम सुख प्राप्त करते हैं. भक्त लड्‌डू गोपाल की बच्चे की तरह देखभाल करते हैं. उन्हें समय से जगाते और सुलाते हैं. समय-समय पर भोग लगाते हैं. अगर आप भी लड्‌डू गोपाल को घर (Laddu Gopal in home) ला रहे हैं, तो उनकी सेवा के कुछ नियमों को जरूर जान लीजिए. आइए जानते हैं श्रीकृष्ण भगवान के बाल स्वरूप लड्‌डू गोपाल की सेवा में किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. 

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प्रति दिन स्नान

लड्‌डू गोपाल की सेवा से भक्तों को बहुत सुख प्राप्त होता है. लड्‌डू गोपाल को हर दिन सुबह स्नान कराना जरूरी है. उनकी सेवा और देखभाल बच्चे की तरह करनी चाहिए. स्नान करवाते समय शंख का उपयोग करना चाहिए. मान्यता है कि शंख में देवी लक्ष्मी का वास होता है इसलिए लड्‌डू गोपाल को शंख की मदद से स्नान करवाना शुभ होता है.

स्वच्छ वस्त्र

लड्‌डू गोपाल को प्रति दिन स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करवाएं. उन्हें मौसम के अनुसार वस्त्र पहनाएं. गर्मी के दिन में सूती और सर्दी के दिनों में ऊनी वस्त्र पहनाने चाहिए.

श्रृंगार करना जरूरी

वस्त्र पहनाने के बाद लड्‌डू गोपाल का श्रृंगार करना चाहिए. उन्हें चंदन का टीका लगाएं. आभूषण पहनाएं और उनके हाथों में बांसुरी रखें.

दिन में चार बार भोग

लड्‌डू गोपाल की सेवा में सबसे जरूरी है कि उन्हें हर दिन चार बार भोग लगाया जाए. हर बार समय के अनुसार भोग लगाएं. सुबह दूध का भोग लगाएं. दोपहर में सात्विक भोजन जैसे पूरी सब्जी का भोग लगाएं. शाम को मिश्री माखन और रात में पूड़ी सब्जी का भोग लगाया जा सकता है. भोग हमेशा शाकाहारी और सात्विक होना चाहिए. हर बार भोग लगाते समय आरती करें.

अकेला न छोड़ें

बाल गोपाल को घर में कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. अगर घर के सभी सदस्य कहीं जा रहे हों तो बाल गोपाल को भी अपने साथ ले जाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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