Karwa Chauth 2022 Vrat Vidhi: करवा चौथ सुहागिन महिलाओं के लिए खास त्योहार होता है. मान्यतानुसार इस दिन महिलाएं अखंड सैभाग्य और पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विधि पूर्वक करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत रखने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है. इस व्रत में मुख्य रुप से चंद्र देव की पूजा की जाती है. मान्यता है कि चंद्रमा की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और आने वाला जीवन सुखमय रहता है. माना जाता कि करवा चौथ का व्रत विधि-विधान (Karwa Chauth Vidhi) से करने पर पति को लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है और व्रती को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ऐसे में जानते हैं कि करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth kaise karen) किस तरह करें.
कैसे करें करवा चौथ का व्रत | How to do Karwa Chauth Vrat
शास्त्रों के अनुसार जो महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती हैं, उन्हें इस दिन सुबह सवेरे उठना होता है. जो व्रती सरगी का पालन करती हैं, उन्हें सूर्योदय से पहले की कुछ सात्विक भोजन कर लेना होता है.
कुछ रिवाजों में सरगी का चलन नहीं है. ऐसे में व्रती महिलाओं को करवा चौथ व्रत से एक रात पहले से ही व्रत का पालन शुरू कर देना चाहिए. वे रात 12 बजे के बाद से ही अन्न और जल का त्याग कर देती हैं.
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सरगी का पालन करने वाली व्रती महिलाएं करवा चौथ के दिन सबसे पहले सरगी का सेवन करती हैं. इसके बाद जल का सेवन करने के पश्चात् भगवान की पूजा करके पूरे दिन निर्जाला व्रत करने का संकल्प लेती हैं.
निर्जला व्रत में पूरे दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता है. शाम के समय चंद्र दर्शन के बाद ही पूजा करके कुछ खाती हैं.
शाम के समय पूजा के दौरान पति की दीर्घायु की कामना करती हैं. साथ ही चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करती हैं.
करवा चौथ व्रत विधि | Kaewa Chauth Vrat Vidhi
करवा चौथ व्रत के दिन व्रती ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत का संकल्प लेती हैं और पूरे दिन इसका पालन करती हैं. रात्रि में पूजा के समय 16 श्रृंगार करके दीवार पर करवा चैथ की पूजा का चित्र बनाती हैं.
चावल के आटे में हल्दी मिलाकर आयपन बनाएं. साथ ही इससे जमीन पर सात घेरे लगाते हुए चित्र बनाएं. इसके बाद उस पर करवा रखें. फिर उसके ऊपर दीपक रखें. करवा में खील, बताशे, चूरा और साबूत अनाज रखें.
करवा पर रखे हुए दीपक को जालाएं. साथ ही इसके पास आटे की बनी पूरियां, मीठा हलवा, खीर, पकवान और भोग की सामग्री रखा जाता है.
पूजन में मुख्य रूप से चावल के आटे का प्रसाद बनाया जाता है. साथ ही व्रत खोलते समय सबसे पहले इसका सेवन किया जाता है.
करवा का साथ सुहाग की सामग्रियां भी चढ़ाई जा सकती हैं. अगर सुहाग की सामग्री चढ़ा रही हैं तो सोलह श्रृंगार चढ़ाएं. करवा पूजन के दौरान एक लोटे में जल भरकर भी रखें. पूजन की समाप्ति पर इसके जल से चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. पूजा के समय करवा चौथ की कथा का पाठ करना अनिवार्य होता है.
चांद निकलने के बाद छलनी की ओट से पति को देखें फिर चांद के दर्शन करें. चन्द्रमा को जल से अर्घ्य दें और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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