Jyeshtha purnima 2023 : ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन लोग व्रत रखते हैं और सत्यनरायण की कथा भी सुनते हैं और चंद्रमा की पूजा करते हैं. इस दिन स्नान दान करना बहुत अच्छा और फलदायी माना जाता है. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन रात में देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन की वृद्धि होती है. लेकिन इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा के व्रत की तारीख और दान करने का मुहूर्त दोनों अलग अलग है. ऐसे में चलिए जान लेते हैं इस लेख में दोनों की तारीख.
स्नान दान और व्रत की तारीख
पंचांग के अनुसार इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि 3 जून शनिवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 4 जून दिन रविवार को 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगी. ऐसे में व्रत तो 3 जून को रखा जाएगा लेकिन स्नान दान उदयातिथि यानी 4 जून को होगा. आपको बता दें कि इस दिन साध्य और सिद्ध योग बन रहे हैं. जिसमें सिद्ध योग 11 बजकर 59 मिनट तक रहेगा उसके बाद साध्य योग शुरू होगा.
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ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूजा विधि
इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करा सकते हैं. आपको बता दें कि सत्यनारायण को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है. इस दिन आप देवी लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना कर सकते हैं. इनकी पूजा करने से घर धन संपदा से परिपूर्ण होता है.
दान का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दान पुण्य करना बहुत फलदायी होता है. अगर आप ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ब्राह्मण को सफेद कपड़े, चीनी, चावल, दही, चांदी की वस्तु, मोती आदि का दान करते हैं तो आपकी कुंडली में चंद्रमा मजबूत होगा. इससे आपके जीवन और घर में सकारात्मकता आएगी. आपको बता दें कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन साध्य योग पड़ रहा है ऐसे में मांगलिक कार्य करने के लिए भी यह दिन शुभ है. आपको बता दें कि इस दिन चंद्रोदय 07 बजकर 29 मिनट पर होगा. व्रती लोग एक लोटे में जल दूध, अक्षत मिलाकर चंद्र देव को अर्पित करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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