
Krishna Janmashtami 2025 : सनातन परंपरा से जुड़े तमाम व्रतों में जन्माष्टमी का व्रत बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है. भगवान श्री कृष्ण के भक्त और वैष्णव परंपरा से जुड़े लोग इस व्रत का पूरे साल इंतजार करते हैं. भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि यानि जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप यानि लड्डू गोपाल की पूजा का विधान है. जन्माष्टमी की रात हर कृष्ण भक्त तमाम तरह से उन्हें प्रसन्न करके उनकी कृपा पाने की कोशिश करता है. आइए श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा से जुड़े सरल, सनातनी और प्रभावी उपायों के बारे में जानते है, जिन्हें करने पर पूरे साल सुख-सौभाग्य बना रहता है.
इन 5 चीजों से बरसेगी कान्हा की कृपा
यदि आप चाहते हैं कि जन्माष्टमी की पूजा सफल हो तो आप इस व्रत वाले दिन भगवान को पांच चीजों का भोग लगाएं. हिंदू मान्यता के अनुसार कान्हा को मिश्री, माखन, धनिया की पंजीरी, चरणामृत और मखाने की खीर का भोग लगाने पर वे शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. भगवान की इन प्रिय चीजों को पूजा में अर्पित करने पर छप्पन भोग के समान पुण्यफल प्राप्त होता है.

जन्माष्टमी पर जरूर जपें कान्हा का मंत्र
सनातन परंपरा में किसी भी देवता को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जप को सबसे प्रभावी उपाय बताया गया है. यही कारण है कि साधु-संत कलयुग से जुड़े कष्टों को दूर करने के लिए श्रीकृष्ण के मंत्र का अधिक से अधिक जाप करने की सलाह दिया करते हैं. ऐसे में यदि आप इस जन्माष्टमी मुरली मनोहर कृष्ण की कृपा पाना चाहते हैं तो आप नीचे दिये गये किसी भी एक मंत्र का तुलसी की माला से जप जरूर करें.
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय:
ॐ श्री कृष्णः शरणम् ममः

इन उपायों से भी पूरी होगी मनोकामना
- जन्माष्टमी के पावन पर्व पर पीपल की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है क्योंकि स्वयं श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि 'वृक्षों में मैं पीपल का वृक्ष हूं'. ऐसे में जन्माष्टमी के दिन पीपल की पूजा अवश्य करें.
- यदि आप चाहते हैं कि भगवान श्री कृष्ण की आप पर हमेशा कृपा बनी रहे तो प्रतिदिन गीता क पाठ करें तथा उनकी कही बातों का अनुसरण करें.
- भगवान श्री कृष्ण को गाय बहुत प्रिय हैं. ऐसे में जन्माष्टमी के दिन यदि आपको गोसेवा करने का अवसर प्राप्त हो तो उसे बिल्कुल गवाएं. जन्माष्टमी पर कृष्ण की पूजा करने के साथ गाय की पूजा एवं उसकी सेवा करें. उसे हरा चारा खिलाएं.
- भगवान श्री कृष्ण को तुलसी बहुत प्रिय है. ऐसे में जन्माष्टमी की पूजा करते समय न सिर्फ भोग के साथ उन्हे तुलसी दल अर्पित करें, बल्कि उस दिन तुलसी जी की सेवा और पूजा भी करें. जन्माष्टमी के दिन सुबह और शाम को शुद्ध घी का दीया जरूर जलाएं.
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भाव के भूखे हैं भगवान
यदि आप चाहते हैं कि भगवान श्री कृष्ण जिस तरह द्रौपदी के पुकारने पर उनकी लाज को बचाने के लिए दौड़े चले आए थे, उसी तरह आपकी समस्याओं को भी पलक झपकते दूर करने के लिए आगे आएं तो आपको इसके लिए सबसे पहले सच्चे मन से उनकी भक्ति करनी होगी. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान भाव के भूखे हैं और वे अन्न का एक दाना खाकर भी तृप्त हो सकते हैं. ऐसे में यदि आप जन्माष्टमी पर किन्हीं कारणों के चलते कान्हा के मंदिर न जा पाएं या फिर घर पर भी उनकी विधि-विधान से पूजा कर पाने में असमर्थ हों तो फिर उनकी मानसिक पूजा करें. उनके प्रति पूरी तरह से शरणागत हो जाएं. भक्ति भाव के साथ की गई कान्हा की पूजा शीघ्र ही फलदायी होगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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