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This Article is From Nov 28, 2023

अगले साल इन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़े साती और ढैय्या, बढ़ सकती हैं समस्याएं

Shani Dhaiyya: वर्ष 2024 में शनिदेव गोचर नहीं करेंगे लेकिन वक्री और मार्गी चाल चलेंगे. इससे वर्ष 2024 में कुछ राशियों पर शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव रहेगा.

अगले साल इन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़े साती और ढैय्या, बढ़ सकती हैं समस्याएं
Shani Ki Sadhe Sati: कई तरह से प्रभावित करती है शनि ढेय्या और शनि की साढ़े साती.

Shani Dev: ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को न्याय और कर्म का ग्रह माना जाता है. अभी शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान हैं. वर्ष 2024 में शनिदेव (Shani Dev) गोचर नहीं करेंगे लेकिन अपनी स्थिति में बदलाव करने वाले हैं. राशि में परिवर्तन नहीं होने पर भी शनिदेव वक्री और मार्गी चाल चलेंगे. इससे वर्ष 2024 में कुछ राशियों पर शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या का प्रभाव पड़ सकता है. आइए जानते हैं किन राशियों पर शनि की साढे़साती और शनि ढैय्या (Shani Dhaiyya) का प्रभाव रहेगा और इसका वर्ष 2024 के राशिफल पर क्या असर पड़ेगा.

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वर्ष 2024 में इन राशियों पर रहेगी शनि की साढे़ साती

वर्ष 2024 में शनिदेव कुंभ राशि में ही विराजमान रहेंगे. इसके कारण मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती (Shani Ki Sadhe Sati) का प्रभाव रहेगा. शनिदेव की साढे़साती के तीन चरण होते हैं. अगले वर्ष मकर राशि पर साढे़साती का तीसरा चरण शुरू होगा जबकि मीन राशि पर पहला चरण शुरू होगा और कुंभ राशि पर दूसरा चरण. साढे़साती का दूसरा चरण सबसे कष्ट देने वाला होता है इसलिए कुंभ राशि के जातकों को विशेष सावधानी रखनी होगी.

इन राशियों पर रहेगी शनि की ढैय्या

वर्ष 2024 में शनिदेव के कुंभ राशि (Aquarius) में विराजमान होने के कारण वृश्चिक और कर्क राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव रहेगा. शनिदेव की ढैय्या का प्रभाव ढाई साल तक रहता है. वर्ष 2024 में वृश्चिक और कर्क राशि के जातकों को बहुत संभल कर रहने की जरूरत है. खासकर वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचाव

वर्ष 2024 में जिन राशियों पर शनिदेव के प्रभाव के कारण साढ़ेसाती और ढैय्या का असर होगा उन्हें इससे बचने के लिए खास उपाय करने चाहिए. साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम करने के लिए हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा और शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ कर सकते हैं. इसके साथ ही जरूरतमंदों को दान देने और बुजुर्गों और महिलाओं के सम्मान का ख्याल रखने से साढ़ेसाती और ढैय्या के कष्टों से राहत मिल सकती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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