Holashtak 2024: रंगों के त्योहार होली की तैयारियां शुरू हो गई हैं. होली से पहले होलाष्टक (Holashtak) लग जाता है. यह समय होली के 8 दिन पहले शुरू होता है. इस वर्ष 25 मार्च को होली (Holi) का त्योहार मनाया जाएगा इसलिए होलाष्टक 17 मार्च से शुरू हो रहा है. 8 दिन रहने वाले होलाष्टक के समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. आइए जानते हैं आखिर क्यों इस समय वर्जित होते हैं शुभ कार्य और क्या है होलाष्टक से जुड़ी पौराणिक कथा.
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होलाष्टक पर नहीं किए जाते ये काम
मान्यता है कि होलाष्टक के पहले दिन भगवान शिव (Lord Shiva) ने कामदेव को भस्म कर दिया था. शिव भगवान के रौद्र रूप के कारण इस समय सभी ग्रह उग्र रूप में होते हैं इसलिए होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस समय विवाह, मुंडन, नामकरण और कर्णवेध जैसे संस्कार नहीं किए जाएंगे.
होलाष्टक से जुड़ी पौराणिक कथाहोलाष्टक से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव से अपनी तपस्या भंग करने के कारण फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को कामदेव को भस्म कर दिया था. कामदेव प्रेम के देवता हैं उनके भस्म होने से पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया. कामदेव की पत्नी रति भगवान शिव से क्षमा याचना कर उन्हें फिर से जीवन देने की प्रार्थना करने लगी. अंत में भगवान शिव ने कामदेव को माफ कर दिया और उन्हें जीवनदान दे दिया. इसकी खुशी दुनिया में रंग खेलकर मनाई जाती है. होली के आठ दिन पहले वाले दिन रति ने कामदेव के विरह में काटे थे इसलिए इस समय किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)