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हरियाली तीज कब है? जानें व्रत की पूजा विधि, धार्मिक महत्व और उपाय

Hariyali Teej 2025 puja vidhi: देवों के देव महादेव की साधना को समर्पित श्रावण मास में हरियाली तीज का पर्व आखिर कब पड़ेगा? प्रकृति और शिव से जुड़े इस पावन पर्व पर कब और कैसे करें पूजा और क्या है इस व्रत का महाउपाय, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

हरियाली तीज कब है? जानें व्रत की पूजा विधि, धार्मिक महत्व और उपाय
हरियाली तीज व्रत की पूजा विधि

Hariyali Teej 2025: सनातन परंपरा में श्रावण मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को पड़ने वाले हरियाली तीज त्योहार का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है. नागपंचमी (Nag Panchami) से दो दिन पहले मनाए जाने वाले इस पर्व को मुख्य रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि में मनाया जाता है. हरियाली तीज के दिन महिलाएं भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) की पूजा करके सुख-सौभाग्य की कामना करती हैं. आइए अखंड सौभाग्य का प्रतीक माने जाने वाले इस पावन की तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

कब है हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025 Date)

पंचांग के अनुसार इस साल श्रावण शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई 2025 को रात्रि 10:41 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन 27 जुलाई 2025 को रात्रि 10:41 बजे ही समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार हरियाली तीज का पावन पर्व 27 जुलाई 2025, रविवार को मनाया जाएगा. इस दिन अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर 12:55 बजे तक रहेगा. जबकि रवि योग 27 जुलाई 2025 को सायंकाल 04:23 से प्रारंभ होकर 28 जुलाई को प्रात:काल 05:40 बजे तक रहेगा. 

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क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज 

पौराणिक मान्यता के अनुसार हरियाली तीज को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का पर्व माना जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने कठिन तप किया था. जिससे प्रसन्न होकर महादेव ने हरियाली तीज के पावन पर्व पर ही उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. कुछ ऐसे ही कामना लिए विवाहित स्त्रियां सुखी दांपत्य जीवन और और कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए हरियाली तीज का व्रत (Hariyali Teej Vrat)रखती हैं. 

हरियाली तीज पूजा विधि 

हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करके तन-मन से पवित्र हो जाना चाहिए. इसके बाद  इस इस व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प करें. हरियाली तीज की पूजा करते समय आपको बार-बार उठना न पड़े इसके लिए पूजा की सभी सामग्री को अपने करीब इकट्ठा करके रख लें. पूरे दिन व्रत रहने के बाद शाम के समय 16 श्रृंगार करके सबसे घर के ईशान कोण में एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर शिव और पार्वती का चित्र अथवा मूर्ति स्थापित करें. 

इसके बाद भगवान श्री गणेश का ध्यान करें और अपनी पूजा और व्रत को सफल करने की कामना करें. ​इसके पश्चात् भगवान शिव और माता पार्वती की पुष्प, फल, मिष्ठान आदि से विधिपूर्वक पूजा करें. फिर तीज व्रत की कथा कहें या सुनें. पूजा के अंत में आरती अवश्य करें. हरियाली तीज पर सुख-सौभाग्य को पाने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती के साथ घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना बिल्कुल न भूलें. 

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हरियाली तीज का उपाय 

हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा और व्रत करने के साथ आप इस दिन दान के जरिए भी पुण्यफल प्राप्त कर सकती हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार हरियाली तीज के दिन 16 श्रृंगार (16 shringar) से जुड़ी चीजों का दान करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है और व्रत करने वाली स्त्री के जीवन में सुख-सौभाग्य हमेशा बना रहता है. यदि आप पूरी सामग्री दान न कर पाएं तो अपने सामर्थ्य के अनुसार सुहागिन महिला को चूड़ी, बिंदी, मेहंदी आदि दान कर सकती हैं। इसके अलावा इस दिन अन्न और धन दान का भी महत्व माना गया है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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