
Hariyali Teej 2025 : हर साल सावन के महीने में एक खास त्यौहार आता है, हरियाली तीज. यह त्योहार विवाहित महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है. इस दिन सुहागन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन और कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए उपवास रखती हैं, और भगवान शिव-पार्वती (Hariyali Teej Pujan Vidhi) की विधि-विधान से पूजा करती हैं. इस त्योहार की खास बात ये है कि महिलाएं इस दिन मेहंदी लगाना (Latest Mehandi Design) बहुत जरूरी समझती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हरियाली तीज पर मेहंदी क्यों लगाई जाती है? चलिए जानते हैं हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने का महत्व क्या है.
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हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने का महत्व - Significance Of Mehandi On Hariyali Teej
1. परंपरा और मान्यता - भारत में मेहंदी लगाना कोई नया चलन नहीं है. यह एक पुरानी परंपरा है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है. खासकर तीज जैसे त्योहारों पर इसे शुभ माना जाता है. माना जाता है कि मेहंदी लगाने से सौभाग्य बढ़ता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है. हरियाली तीज पर मेहंदी लगाकर भगवान शिव और माता पार्वती से अपने परिवार की खुशहाली और पति की लंबी उम्र की दुआ करती हैं.

2. प्यार और रिश्ते की निशानी- कहते हैं कि जिसकी मेहंदी जितनी गाढ़ी होती है. उसका पति उतना ही प्यार करने वाला होता है. यह सुनने में थोड़ा मजाकिया लग सकता है, लेकिन ये बात औरतों के लिए एक मीठी सी मान्यता बन गई हैं. शादीशुदा महिलाएं अपने पति के नाम का पहला अक्षर मेहंदी में छुपाकर लगाती हैं, और पति को ढूंढने के लिए कहती हैं. इससे आपसी रिश्ता मजबूत होता है और प्यार बढ़ता है.

3. सजने-संवरने का मौका - हरियाली तीज औरतों के लिए एक तरह का सजने संवरने का उत्सव भी होता है. इस दिन वे हरे रंग के कपड़े पहनती हैं, चूड़ियां पहनती हैं, बालों में गजरा लगाती हैं और सबसे खास बात ये है कि वो हथेलियों और पैरों पर मेहंदी लगाती हैं. यह सब करके महिलाएं खुद को खास महसूस करती हैं और त्योहार का पूरा आनंद उठाती हैं.

4. प्राकृतिक ठंडक और सेहत के फायदे - मेहंदी सिर्फ दिखने में सुंदर नहीं होती, बल्कि यह प्राकृतिक ठंडक देती है. सावन के मौसम में अक्सर उमस और गर्मी रहती है. ऐसे में मेहंदी शरीर को ठंडक पहुंचाती है और तनाव भी कम करती है. हाथ पैरों पर मेहंदी लगाने से त्वचा भी मुलायम रहती है और दिमाग को शांति मिलती है.

5. सामूहिकता और मेलजोल का जरिया - हरियाली तीज पर महिलाएं एक दूसरे के घर जाती हैं, एक साथ गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं और मेहंदी लगाती हैं. यह सब करने से रिश्तों में मिठास आती है और समाज में मेल-जोल बढ़ता है. गांवों और छोटे कस्बों में आज भी महिलाएं आपस में मिलकर मेहंदी की थालियां सजाती हैं और सबको लगाती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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