
Hanuman Ji Ki Aarti: हिंदू धर्म में हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या का सागर माना जाता है. जिनकी पूजा से साधक का सारा दुख, भय और अज्ञान दूर हो जाता है. सनातन परंपरा में हनुमत साधना सभी दुखों को दूर करके सुख-सौभाग्य दिलाने वाली मानी गई है. सभी युगों में पृथ्वी पर मौजूद रहने वाले हनुमान जी की साधना आप कभी भी कहीं भी कर सकते हैं, लकिन कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि यानि नरक चतुर्दशी वाले दिन करने पर अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है.
हिंदू मान्यता के अनुसार छोटी दिवाली दिन की हनुमान जी का विधि-विधान से श्रृंगार और पूजन करने पर साधक को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है, लेकिन ध्यान रहे आपकी यह पूजा तब तक अधूरी रहती है, जब तक आप उनके गुणों का गान करने वाली आरती को धूप-दीप आदि जलाकर श्रद्धापूर्वक नहीं करते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार हनुमान पूजा में गायी जाने वाली आरती न सिर्फ बजरंगी के गुणों का गान करती है, बल्कि साधक को सभी संकटों से मुक्ति दिलाते हुए सकारात्मक उर्जा और सुख-सौभाग्य प्रदान करती है. आइए हनुमत साधना का अभिन्न अंग माने जाने वाली हनुमान जी की आरती का गान करते हैं.
हनुमान जी की आरती | Hanuman Ji Ki Aarti
आरती कीजै हनुमान लला की.
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की.
जाके बल से गिरिवर कांपे.
रोग दोष जाके निकट न झांके.
अंजनि पुत्र महाबलदायी.
संतान के प्रभु सदा सहाई.
दे बीरा रघुनाथ पठाए.
लंका जारी सिया सुध लाए.
लंका सो कोट समुद्र सी खाई.
जात पवनसुत बार न लाई.
लंका जारी असुर संहारे.
सियारामजी के काज संवारे.
Hanuman Puja 2025: छोटी दिवाली पर कब होगी हनुमान पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और महाउपाय
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे.
आणि संजीवन प्राण उबारे.
पैठी पताल तोरि जमकारे.
अहिरावण की भुजा उखाड़े.
बाएं भुजा असुर दल मारे.
दाहिने भुजा संतजन तारे.
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे.
जै जै जै हनुमान उचारे.
कंचन थार कपूर लौ छाई.
आरती करत अंजना माई.
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई.
तुलसीदास प्रभु कीरति गाई.
जो हनुमानजी की आरती गावै.
बसी बैकुंठ परमपद पावै.
आरती कीजै हनुमान लला की.
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं