हनुमानजी की पूजा कर अपने संकटों को करें दूर
आज हनुमान जयंती है और बजरंग बली के दर्शन के लिए मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है. ज्योतिषियों का कहना है कि 120 साल बाद यह जयंती ऐसे दिन पड़ी है, जो दुर्लभ संयोग है. इस दिन हनुमान जयंती पूर्णिमा तिथि में पड़ी है, जब चित्रा नक्षत्र है. इस दिन गजकेसरी योग और अमृत योग भी बन रहा है. इस दिन आप हनुमानजी की पूजा कर अपने कष्टों और दुखों को दूर कर सकते हैं. यहां जानिए वो पूजन विधि जिसे अपनाकर आप अष्ट सिद्धि, नौ निधि के दाता हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं.
हनुमान जी के लिए दीपदान अतिप्रिय है. सरसों के तेल का और एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा और सुंदरकाण्ड का पाठ करते हुए परिवार के लिए मंगलकामना करें. (हनुमान जयंती: सैकड़ों साल बाद बन रहे हैं ये विशेष योग, जानिए क्या हैं मान्यताएं)
पूजन विधि पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके लाल आसन पर बैठें. लाल धोती और ऊपर वस्त्र चादर, दुपट्टा आदि डाल लें. अपने सामने छोटी चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर तांबे की प्लेट पर लाल पुष्पों का आसन देकर बजरंग बली की मूर्ति स्थापित करें. लाल गुलाब के फूल हनुमान जी को खुश करने का सबसे सरल उपाय है. मूर्ति पर सिंदूर से टीका कर लाल पुष्प अर्पित करें. मूर्ति पर सिंदूर लगाने के बाद धूप-दीप, अक्षत, पुष्प एवं नैवेद्य आदि से पूजन करें. सरसों या तिल के तेल का दीप एवं धूप जलाएं. द्वादश नामों का स्मरण 151 बार करें. ॐ हनुमते नमः की माला जपें.
इसके अलावा हनुमान जयंती के दिन किसी हनुमान मंदिर की छत पर लाल झंडा लगाने से हर तरह के आकस्मिक संकट से मुक्ति मिलती है. बहुत से लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं.
पूर्णिमा तिथि: 10 अप्रैल 2017, सुबह 10:22 से 11 अप्रैल 2017 सुबह 11:37 तक
हनुमान जी के लिए दीपदान अतिप्रिय है. सरसों के तेल का और एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा और सुंदरकाण्ड का पाठ करते हुए परिवार के लिए मंगलकामना करें. (हनुमान जयंती: सैकड़ों साल बाद बन रहे हैं ये विशेष योग, जानिए क्या हैं मान्यताएं)
पूजन विधि पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके लाल आसन पर बैठें. लाल धोती और ऊपर वस्त्र चादर, दुपट्टा आदि डाल लें. अपने सामने छोटी चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर तांबे की प्लेट पर लाल पुष्पों का आसन देकर बजरंग बली की मूर्ति स्थापित करें. लाल गुलाब के फूल हनुमान जी को खुश करने का सबसे सरल उपाय है. मूर्ति पर सिंदूर से टीका कर लाल पुष्प अर्पित करें. मूर्ति पर सिंदूर लगाने के बाद धूप-दीप, अक्षत, पुष्प एवं नैवेद्य आदि से पूजन करें. सरसों या तिल के तेल का दीप एवं धूप जलाएं. द्वादश नामों का स्मरण 151 बार करें. ॐ हनुमते नमः की माला जपें.
इसके अलावा हनुमान जयंती के दिन किसी हनुमान मंदिर की छत पर लाल झंडा लगाने से हर तरह के आकस्मिक संकट से मुक्ति मिलती है. बहुत से लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं.
पूर्णिमा तिथि: 10 अप्रैल 2017, सुबह 10:22 से 11 अप्रैल 2017 सुबह 11:37 तक
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