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This Article is From Jun 17, 2022

Guru Purnima 2022: आषाढ़ माह की गुरु पूर्णिमा कब है, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Guru Purnima 2022: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है. यह आषाढ़ मास की पूर्णिमा को पड़ता है. इस बार गरु पूर्णिमा 13 जुलाई को पड़ रही है.

Guru Purnima 2022: आषाढ़ माह की गुरु पूर्णिमा कब है, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा इस बार 13 जुलाई को पड़ रही है.

Guru Purnima 2022: आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाता है. इसे व्यास पूर्णिमा (Vyas Purnima) भी करते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन महर्षि वेद व्यास (Maharshi Veda Vyasa) का जन्म हुआ था. कहा जाता है कि महर्षि वेद व्यास (Veda Vyasa)) ने सबसे पहले मानव को चारों वेदों का ज्ञान दिया था, इसलिए इन्हें सृष्टि का प्रथम गुरु कहा जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने-अपने गुरु की पूजा करते हैं. साथ ही उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं. कहा जाता है कि गुरु के बिना सच्चा ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता, इसलिए प्रत्येक मनुष्य के जीवन में एक गुरु का होना आवश्यक बताया गया है. इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को पड़ रही है.

गुरु पूर्णिमा 2022 तिथि | Guru Purnima Date 2022

गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) व्यक्ति के जीवन में शिक्षा और गुरु के महत्व को दर्शाता है. पंचांग के अनुसार, इस बार गुरू पूर्णिमा 13 जुलाई, गुरुवार को मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 जुलाई, बुधवार को 4 बजकर 1 मिनट से शुरू होगा. पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 14 जुलाई को देर रात 12 बजकर 07 मिनट पर होगा. 

गुरु पूर्णिमा का महत्व | Significance of Guru Purnima

आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानि गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु के सम्मान में मनाया जाता है. इस दिन गुरु की पूजा-अर्चना की जाती है. गुरु का शाब्दिक अर्थ है कि जो हमें अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाए वह गुरु है. इसलिए ऐसा कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक गुरु का होना बेहद आवश्यक है. क्योंकि गुरु ही हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं और सही राह बताते हैं. गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का भी विशेष महत्व है. साथ ही इस दिन खास मंत्र के साथ गुरु की पूजा का विधान है. इस दिन केवल गुरु ही नहीं, अपने से बड़ों के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. 


गुरु पूर्णिमा मंत्र | Guru Purnima Mantra

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरुर्साक्षात् परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः

इस श्लोक का भावार्थ है कि गुरु ही ब्रह्मा हैं, गुरु ही विष्णु हैं, गुरु ही भगवान शंकर हैं और गुरु ही साक्षात् परब्रह्म हैं. ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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