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This Article is From Jan 30, 2024

Gupt Navratri 2024: माघ माह में इस दिन से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्री, जानिए कलश स्थापना और पूजा के बारे में 

Gupt Navratri 2024: नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है. ऐसे में नवरात्रि की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. जानिए इस साल कबसे शुरू हो रही है नवरात्रि. 

Gupt Navratri 2024: माघ माह में इस दिन से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्री, जानिए कलश स्थापना और पूजा के बारे में 
Navratri 2024 Date: इस दिन से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि. 

Gupta Navratri 2024: माघ के महीने में पड़ने वाली नवरात्रि को माघ नवरात्रि (Magh Navratri) भी कहते हैं. सालभर में कुल 4 नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें से 2 गुप्त नवरात्रि, एक शारदीय और एक चैत्र नवरात्रि होती है. गुप्त नवरात्रि का व्रत माघ और आषाढ़ के महीने में रखा जाता है. धार्मिक मान्यतानुसार नवरात्रि का व्रत रखने पर कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस साल माघ के महीने में नवरात्रि कब से कब तक है, कलश स्थापना या घटस्थापना (Ghatasthapana) का शुभ मुहूर्त कब है और पूजा कैसे की जा सकती है जानिए यहां. 

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गुप्त नवरात्रि की तिथि | Gupt Navratri Date 

पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरूआत होती है. इस साल 10 फरवरी, शनिवार से गुप्त नवरात्रि शुरू होने वाली है. गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से शुरू होकर 18 फरवरी तक मनाई जाएगी. माघ प्रतिपदा तिथि की शुरूआत 10 फरवरी सुबह 8 बजकर 45 मिनट से होगी अगले दिन 11 फरवरी, रात 12 बजकर 47 मिनट तक समाप्त हो जाएगी. 

कब होगी घटस्थापना 

नवरात्रि के दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) 10 फरवरी सुबह 8 बजकर 34 मिनट से सुबह 9 बजकर 59 मिनट तक बताया जा रहा है. इस शुभ मुहूर्त में घटस्थापना या कलश स्थापना की जा सकती है. 

नवरात्रि की पूजा कैसे करते हैं 

नवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद माता की चौकी सजाई जाती है और माता के समक्ष कलश स्थापना होती है. कलश स्थापना करके माता को चुनरी, श्रृंगार और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करते हैं. मां के मंत्रों का जाप होता है और दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है. मां की आरती (Durga Aarti) करने के बाद उन्हें भोग लगाया जाता है और पूजा समाप्त होती है. 
व्रत रखने वाले भक्त इस दिन फलाहार और व्रती भोजन का सेवन करते हैं. दिनभर माता का ध्यान किया जाता है और उनके भजन गाए जाते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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