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This Article is From Jan 29, 2022

Gupt Navratri 2022: इस दिन से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि, बन रहे हैं ये दो विशेष योग, जानें महत्व और पूजा विधि

इस साल गुप्त नवरात्रि के दौरान रवियोग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. मान्यता है कि इस विशेष योग में मां की आराधना करने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है. चलिए गुप्त नवरात्रि की तिथि, महत्व और पूजा विधि के बारे में जान लेते हैं. 

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Gupt Navratri 2022: इस दिन से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि, बन रहे हैं ये दो विशेष योग, जानें महत्व और पूजा विधि
इस साल इस गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 2 फरवरी, बुधवार से हो रही है.

मां दुर्गा की पूजा और उपासना के लिए नवरात्रि के नौ दिन श्रेष्ट माने जाते हैं. शारदीय और चैत्र नवरात्रि में धूमधाम से मां दुर्गा की प्रतिमा और कलश की स्थापना कर माता की पूजा की जाती है. हालांकि एक साल में इन दो नवरात्रि के अलावा भी दो गुप्त नवरात्रि होती है. एक गुप्त नवरात्रि माघ महीने में पड़ती है. इस साल इस गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 2 फरवरी, बुधवार से हो रही है. वहीं इस साल माघ माह की गुप्त नवरात्रि के दौरान दो विशेष योग भी बन रहे हैं. 

इस साल गुप्त नवरात्रि के दौरान रवियोग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. मान्यता है कि इस विशेष योग में मां की आराधना करने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है. चलिए गुप्त नवरात्रि की तिथि, महत्व और पूजा विधि के बारे में जान लेते हैं. 

 नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त 

माघ माह के गुप्त नवरात्रि की शुरुआत इस साल 2 फरवरी से हो रही है. इस दिन घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 10 मिनट से शुरू हो रहा है जो सुबह 8 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. इस दौरान पूरे विधि-विधान के साथ कलश की स्थापना करें. 

गुप्त नवरात्रि महत्व 

 शारदीय और चैत्र नवरात्रि के दौरान शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की उपासना गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से होती है, जबकि गुप्त नवरात्रि में माता की पूजा गुप्त तरीके से करने की मान्यता है. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में इच्छापूर्ति और सिद्धि प्राप्त करने की मंशा से पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं. गुप्त नवरात्रि के दौरान मां के नौ स्वरूपों के साथ ही दस महाविद्या देवियां त्रिपुर सुंदरी, तारा, काली, मातंगी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, षोडशी और भुवनेश्वरी की भी गुप्त पूजा का विधान है. 

गुप्त नवरात्रि पूजा विधि  

मां दुर्गा को पसंद आने वाला लाल फूल यानी जवा फूल को नवरात्रि के दौरान मां को अर्पित किया जाता है. सुबह-शाम मां को लौंग के साथ बताशे का भोग लगाएं और  इसके बाद मां को श्रृंगार अर्पित करें. गुप्त नवरात्रि के दौरान सुबह-शाम दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी शुभ माना जाता है. 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए, मान्यता है कि मां इस आह्वान से प्रसन्न होती हैं. 

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