विज्ञापन
This Article is From Jul 09, 2022

Gauri Vrat 2022: इस दिन कुंवारी कन्याएं रखेंगी गौरी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Gauri Vrat 2022: गौरी व्रत कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं. इस बार गौरी व्रत 09 जुलाई 2022 से आरंभ होकर 13 जुलाई तक चलेगा.

Gauri Vrat 2022: इस दिन कुंवारी कन्याएं रखेंगी गौरी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Gauri Vrat 2022: इस बार गौरी व्रत 09 जुलाई से आरंभ हो रही है.

Gauri Vrat 2022: गौरी व्रत उत्तर भारत में कुंवारी कन्याओं के द्वारा रखा जाता है. इस व्रत के दौरान कुंवारी कन्याएं मां पार्वती (Maa Parvati) और भगवान शिव (Lord Shiv) की पूजा करती हैं. पूजन के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं कि उन्हें सुयोग्य वर प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करें. गौरी व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन आरंभ किया जाता है और पूर्णिमा को संपन्न किया जाता है. इस बार गौरी व्रत 09 जुलाई, शनिवार से आरंभ होने वाला है. जिसका समापन 13 जुलाई को होगा. आइए जानते हैं कि इस बार गौरी व्रत (Gauri Vrat) के लिए शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा विधि क्या है. 

गौरी व्रत 2022 तिथि | Gauri Vrat 2022 Date

पंचांग के अनुसार, गौरी व्रत (Gauri Vrat) आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि 09 जुलाई, शनिवार शाम 4 बजकर 39 मिनट से शुरू हो रही है. एकादशी (Ashadh Ekadashi) तिथि की समाप्ति 10 जुलाई, रविवार को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट पर होगी. वहीं आषाढ़ मास की पूर्णिमा (Ashadh Purnima) 13 जुलाई को पड़ रही है. 

Guru Vakri 2022: शनि देव के बाद बृहस्पति देव चलेंगे उल्टी चाल, इन राशियों की किस्मत में लगेंगे चार चांद, होंगे ये बदलाव

गौरी व्रत पूजा विधि | Gauri Vrat Puja Vidhi

गौरी व्रत (Gauri Vrat) के दिन कुंवारी कन्याएं सुबह उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर स्नान के पश्चात भगवान शिव मां गौरी के समाने व्रत का संकल्प लेती हैं. उसके बाद पूजन आरंभ करती हैं. पूजा स्थान पर भगवान शिव और मां पार्वती के लिए शुद्ध आसन बिछाकर उनकी तस्वीर स्थापित करती हैं. उसके बाद उन्हें अक्षत, फूल, धूप-दीप इत्यादि समर्पित करती हैं. इसके बाद व्रत कथा का पाठ करती हैं. पूजन के अंत में भगवान शिव और मां पार्वती की आरती की जाती है. उसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव से अपनी मनोकामना कही जाती है. यह व्रत पांच दिनों तक चलता है. ऐसे में पांचों दिन सुबह-शाम पूजा और आरती की जाती है. यह व्रत फलाहारी में रखा जाता है. 

Yogini Ekadashi 2022: योगिनी एकादशी पर भूल से भी ना करें ये 7 काम, नहीं तो मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

ये 5 बुरी आदतें बनाती हैं हड्डियों को कमजोर, आज से ही करना छोड़ दें ये काम

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
Surya and Chandra Grahan : साल 2025 में कब और कितने लगेंगे सूर्य-चंद्र ग्रहण, भारत में दिखेगे या नहीं, जानें डेट और टाइम
Gauri Vrat 2022: इस दिन कुंवारी कन्याएं रखेंगी गौरी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
रक्षाबंधन के दिन कब बंधवाएं राखी, क्या है भद्रा काल का समय, यहां जानिए शुभ मुहूर्त
Next Article
रक्षाबंधन के दिन कब बंधवाएं राखी, क्या है भद्रा काल का समय, यहां जानिए शुभ मुहूर्त
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com